पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पोखरण की धरती से दी श्रद्धांजलि

नयी दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है. इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पोखरण की धरती से पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की. अपने संबोधन में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी का याद किया. इससे पहले उन्होंने जैसलमेर स्थित मिलिट्री स्टेशन में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 16, 2019 8:20 AM
नयी दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है. इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पोखरण की धरती से पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की.
अपने संबोधन में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी का याद किया. इससे पहले उन्होंने जैसलमेर स्थित मिलिट्री स्टेशन में इंटरनेश्नल आर्म स्काउट मास्टर प्रतियोगिता के समापन समारोह में शिरकत की. बता दें कि 1998 में पोखरण की धरती पर ही परमाणु बम का सफल परीक्षण किया गया था. उस वक्त के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पोखरण में मौजूद थे.
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई हस्तियों ने ‘सदैव अटल’ जाकर श्रद्धांजलि दी. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी ट्विटर पर अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. सोशल मीडिया पर पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है.
दिल्ली स्थित सदैव अटल पर अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर बड़ा कार्यक्रम किया जा रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी की बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य, पोती निहारिका समेत परिवार के भी कई अन्य सदस्य वहां मौजूद हैं. पूर्व प्रधानमंत्री के स्मृति स्थल पर आज भजन का कार्यक्रम चल रहा है, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है.
बता दें कि लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त, 2018 को उनका निधन हो गया था. उनके निधन के बाद भाजपा ने उनकी अस्थियों को देश की 100 नदियों में प्रवाहित किया था और इसकी शुरुआत हरिद्वार में गंगा में विसर्जन के साथ हुई थी. अपनी कविताओं और भाषणों के लिए हमेशा जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के संस्थापकों में से एक थे.
वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था. वो पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी.

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