तलाक देना नहीं, ‘ट्रिपल तलाक’ देना है आपराधिक, जानें बिल से जुड़ी प्रमुख बातें

‘ट्रिपल तलाक’ अब अपराध बन गया है, जो पति अपनी पत्नी को ‘ट्रिपल तलाक’ या ‘तलाक ए बिद्दत’ देगा उसे जेल जाना होगा. कल ही राज्यसभा ने ‘ट्रिपल तलाक’ बिल को पास किया है. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून बन जायेगा. लेकिन इस बिल को लेकर कई तरह की गलतफहमी लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2019 12:57 PM

‘ट्रिपल तलाक’ अब अपराध बन गया है, जो पति अपनी पत्नी को ‘ट्रिपल तलाक’ या ‘तलाक ए बिद्दत’ देगा उसे जेल जाना होगा. कल ही राज्यसभा ने ‘ट्रिपल तलाक’ बिल को पास किया है. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून बन जायेगा. लेकिन इस बिल को लेकर कई तरह की गलतफहमी लोगों के मन में है. सबसे बड़ी गलतफहमी जो लोगों में दिख रही है, वो यह है कि अब मुसलमान तलाक नहीं दे पायेंगे या फिर तलाक देने वाले को जेल जाना पड़ेगा, जबकि सच्चाई यह है कि ‘ट्रिपल तलाक बिल’ से ना तो तलाक लेने पर पाबंदी लगी है और ना ही तलाक देने वाले पति को जेल जाना पड़ेगा. आइए जानते हैं कि ट्रिपल तलाक बिल का क्या होगा असर.

तलाक लेने पर नहीं है पाबंदी

ट्रिपल तलाक बिल से उस कुप्रथा पर रोक लगेगी जिसके जरिये एक शौहर गुस्से में या किसी बात से नाराज होकर अचानक अपनी पत्नी को ‘ट्रिपल तलाक’ दे देता था. आजकल जिस तरह से व्हाट्‌सएप, मैसेज या फोन पर ट्रिपल तलाक देने का चलन बढ़ रहा था और महिलाएं उससे असुरक्षित हो रहीं थीं, इस बिल से वैसे तलाक पर प्रतिबंध लगा है ना कि तलाक लेने पर. इस्लाम के अनुसार तलाक लेने की जो व्यवस्था मौजूद है, उसके अनुसार कोई भी तलाक ले सकता है.

तलाक देना कब होगा आपराधिक, समझौते की क्या है गुंजाइश

अगर कोई शौहर इस्लाम के नियमों के अनुसार अपनी बीवी को तलाक देता है, तो यह कतई आपराधिक मामला नहीं होगा, हां अगर कोई अचानक एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देकर उसे घर से निकालना चाहेगा, तो वह आपराधिक मामला होगा. इसमें पति को जेल जाना पड़ सकता है. हालांकि सरकार ने बेल और समझौते का प्रावधान भी इस बिल में किया है, जिसके तहत पत्नी का पक्ष सुनने के बाद और पत्नी की पहल पर समझौते की व्यवस्था इस बिल में की गयी है, ताकि अगर पति को अपनी गलती का एहसास हो कि उसने जल्दबाजी में कोई निर्णय किया है, तो उसपर दोबारा विचार किया जा सके.

22 मुस्लिम देशों में है तलाक पर प्रतिबंध

हमारे देश में ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून अब बनने जा रहा है, जबकि पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित 22 मुस्लिम देशों में तीन तलाक पर प्रतिबंध बहुत पहले से है. पाकिस्तान में तो 1961 में ही इसपर प्रतिबंध लगा दिया गया था. ट्रिपल तलाक पर विश्व के अधिकांश वैसे देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है, जहां मुसलमानों की संख्या ज्यादा है या फिर जिनका जन्म धर्म के आधार पर हुआ है. इन देशों में प्रमुख है पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की, साइप्रस, मिस्र, ट्‌यूनेशिया, इंडोनेशिया, इराक एवं श्रीलंका प्रमुख हैं.

बिल की प्रमुख बातें-

1. पीड़ित महिला की शिकायत या उसके खून के रिश्तेदारों की शिकायत पर ही दर्ज होगा मुकदमा

2. पत्नी की पहल पर हो सकता है समझौता

3. पत्नी का पक्ष सुनने के बाद मजिस्ट्रेट दे सकता है जमानत, थाने से बेल नहीं मिलेगा

4. पत्नी को मिलेगी छोटे बच्चों की कस्टडी और पति को देना होगा कोर्ट द्वारा तय गुजारा भत्ता