राज्यसभा में आज पेश होगा तीन तलाक बिल, अटकेगा या RTI-UAPA की तरह होगा पास? इन दलों पर टिका है बीजेपी का गणित

नयी दिल्लीः केंद्र की मोदी सरकार के लिए आज का दिन बेहद अहम है. केंद्र सरकार आज राज्यसभामें तीन तलाक बिल को पेश करेगी. ऐसे में एक बार फिर अब विपक्षी ताकत की परीक्षा है, क्योंकि एनडीए को राज्यसभा में बहुमत नहीं है और विपक्ष मजबूत है. लेकिन जिस तरह RTI बिल और UAPA बिल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 30, 2019 9:50 AM

नयी दिल्लीः केंद्र की मोदी सरकार के लिए आज का दिन बेहद अहम है. केंद्र सरकार आज राज्यसभामें तीन तलाक बिल को पेश करेगी. ऐसे में एक बार फिर अब विपक्षी ताकत की परीक्षा है, क्योंकि एनडीए को राज्यसभा में बहुमत नहीं है और विपक्ष मजबूत है. लेकिन जिस तरह RTI बिल और UAPA बिल के दौरान हुआ और विपक्षी एकता में सेंध लग गयी तो मोदी सरकार के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी.

राज्यसभा में बहुमत न होने से कई बार बीजेपी को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. जो बिल लोकसभा से आसानी से पास हो जा रहे हैं, वो राज्यसभा में अटक जा रहे हैं. तीन तलाक बिल का मामला राज्यसबा में बार अटक चुका है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि बीजेपी राज्यसभा में कितनी ताकतवर है.

लोकसभा में भाजपा के पास प्रचंड बहुमत है, यही कारण है कि तीन तलाक बिल वहां पर आसानी से पास हो गया. लेकिन अब परीक्षा राज्यसभा में होनी है. कांग्रेस, बीजेपी ने अपने-अपने सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है और सदन में उपस्थित रहने को कहा गया है. पिछले कुछ दिनों में विपक्ष जिस तरह लगातार वॉकआउट करता आ रहा है, ऐसे में इस बार भी सदन में बिल को पास कराना सरकार के लिए आसान नहीं होगा.
केंद्र में बीजेपी की सहयोगी नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) तीन तलाक बिल पर वोटिंग नहीं करने के पक्ष में है. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी भले सहयोगी नहीं है लेकिन वह वोटिंग नहीं करेगी. एआईएडीएमके भी वोटिंग नहीं करेगी. बीजू जनता दल(बीजेडी) तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार के पक्ष में वोटिंग करेगी.
क्या कहता है नंबर गेम?
राज्यसभा में बिल को पास कराने के लिए कुल 121 सांसदों की मंजूरी चाहिए. अभी कुल सदस्यों की संख्या 244 है. एनडीए के सदस्यों की संख्या 116 है, जबकि विपक्ष के पास 125 का आंकड़ा है. भाजपा के कुल सदस्यों की संख्या 78 है, ऐसे में उसे अपने साथियों के साथ-साथ अन्य दलों के पांच सांसदों की जरूरत होगी, लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि जदयू के छह सांसद उसके साथ नहीं है.
जदयू ने लोकसभा में भी ‘ट्रिपल तलाक’ का विरोध किया था. ऐसे में अगर सरकार ‘ट्रिपल तलाक’ बिल को पास कराना चाहती है, तो उसे दूसरे दलों के11 सांसदों को अपने पक्ष में करना होगा. , माना जा रहा है कि YSR कांग्रेस, जेडीयू, टीआरएस और एआईएडीएमके सदन में मतदान के दौरान अनुपस्थित रह सकते हैं. ऐसे में इनके मौजूद ना होने से भी फर्क पड़ेगा.
RTI बिल और UAPA बिल जैसा होगा खेल?
इस बीच विपक्ष को उम्मीद है कि वह इस बिल को रोक लेगी तो वहीं बीजेपी को भी अपने कुछ दोस्तों पर भरोसा है. क्योंकि RTI बिल और UAPA बिल के दौरान जिस तरह बीजद, TRS और वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार का समर्थन किया था, उससे राज्यसभा का पूरा गेम ही पलट गया था. राज्यसभा में बीजेडी के पास 7, वाईएसआर के पास 2 और टीआरएस के पास 6 सांसद हैं. यानी जो एनडीए 104 पर अटका है अगर उसके साथ ये 15 भी आज जाते हैं तो उसे बहुमत के करीब पहुंचने में कुछ आसानी होगी.

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