सोनभद्र हत्‍या और कर्नाटक मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने राज्य सभा में किया हंगामा

ब्यूरो, नयी दिल्ली सोमवार को राज्यसभा में सोनभद्र में हुई हत्या और कर्नाटक मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल के सदस्य हंगामा करने लगे. हंगामे को देखते हुए सभापति वैंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी. दोबारा सदन की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 22, 2019 7:09 PM

ब्यूरो, नयी दिल्ली

सोमवार को राज्यसभा में सोनभद्र में हुई हत्या और कर्नाटक मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल के सदस्य हंगामा करने लगे. हंगामे को देखते हुए सभापति वैंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी. दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होते ही एकबार फिर हंगामा होने लगा. विपक्षी दल के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे.

दो बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद मानव अधिकार संरक्षण विधेयक को चर्चा के लिए सदन के पटल पर रखा गया. लेकिन तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने पार्टी की ओर से दिये गये संशोधन प्रस्ताव को शामिल करने की मांग करते हुए कर्नाटक के राजनीतिक हालात और सोनभद्र में आदिवासियों की हुई हत्या का मुद्दा सदन में उठाने की इजाजत मांगी.

ब्रायन की इस मांग पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि इस मसले पर सभापति पहले ही व्यवस्था दे चुके हैं कि कर्नाटक का मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं और इसपर चर्चा नहीं हो सकती है. इसके बाद उपसभापति ने विधेयक पर चर्चा शुरू करने को कहा. लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य मांग नहीं माने जाने पर वेल में आकर हंगामा करने लगे.

सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि विपक्षी दल मानवाधिकार के खिलाफ हैं, इसलिए महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा करने से भाग रहे हैं. हंगामे के बीच किसी सदस्य ने कागज का टुकड़ा उपसभापति की तरफ फेंक दिया, जो उपसभापति के उपर जा गिरा. हंगामे के बीच कुछ सदस्यों ने उपसभापति से सदन को ऑर्डर में लाने की मांग की.

सदस्यों की मांग पर नाराजगी जाहिर करते हुए उपसभापति ने कहा कि आप लोग मुझ से नियमों के पालन की उम्मीद करते हैं लेकिन वेल में खड़े होकर पेपर फाड़ना और मेरे ऊपर फेंकना क्या यह चेयर का सम्मान है. यह तरीका ठीक नहीं है. लेकिन विपक्षी दल के सदस्य हंगामा करते रहे. हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

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