‘डोसा किंग’ कहे जाने वाले सरवना भवन के संस्थापक राजगोपाल का निधन, कर्मचारी की हत्या मामले में थे दोषी

चेन्नई : प्रसिद्ध फूड चेन कंपनी सरवना भवन के संस्थापक पी. राजगोपाल का गुरुवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह हत्या के मामले में दोषी थे और कुछ दिन पहले ही आत्मसमर्पण किया था. सूत्रों ने विस्तृत जानकारी दिए बिना बताया कि राजगोपाल (73) का विजय स्वास्थ्य केंद्र में सुबह करीब 10 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 18, 2019 3:17 PM

चेन्नई : प्रसिद्ध फूड चेन कंपनी सरवना भवन के संस्थापक पी. राजगोपाल का गुरुवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह हत्या के मामले में दोषी थे और कुछ दिन पहले ही आत्मसमर्पण किया था. सूत्रों ने विस्तृत जानकारी दिए बिना बताया कि राजगोपाल (73) का विजय स्वास्थ्य केंद्र में सुबह करीब 10 बजे ‘सेप्टिक शॉक’ (यह एक जानलेवा अवस्‍था है जो शरीर के थोड़े हिस्से में या पूरे तंत्र में संक्रमण की वजह से होती है) से निधन हो गया.

हत्या के मामले में थे दोषी, कुछ ही दिन पहले किया था आत्मसमर्पण

राजगोपाल के बेटे की अपील के बाद उच्च न्यायालय ने उन्हें सरकारी ‘स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल’ से एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया था.उनके बेटे ने कहा था कि उनके पिता की हालत बिगड़ती जा रही है.उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए और समय की मांग करने वाली उसकी याचिका को खारिज करने के बाद दक्षिण भारतीय खाने के लिए मशहूर सरवना भवन के संस्थापक राजगोपाल ने नौ जुलाई को एक स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. गिरफ्तारी के तुरन्त बाद ही उन्हें सरकारी अस्पताल के ‘दोषी वार्ड’ में भर्ती कराया गया था.राजगोपाल ने मद्रास उच्च न्यायालय के उन्हें दोषी ठहराने के फैसले के खिलाफ मार्च में उच्चतम न्यायालय में अपील की थी, जिसे उसने ठुकरा दिया था. उच्च न्यायालय ने 2009 में एक स्थानीय अदालत द्वारा राजगोपाल को दिए गए 10 साल के कारावास और हत्या के मामले में आठ अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

कर्मचारी को मारकर उसकी पत्नी से करना चाहता था शादी
उच्चतम न्यायालय ने राजकुमार शांतकुमार की हत्या के आरोप में दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए राजगोपाल को निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. राजगोपाल को अक्टूबर,2001 में एक कर्मचारी की हत्या के मामले में सजा सुनाई गई थी.राजगोपाल अपने एक कर्मचारी की हत्या करके उसकी पत्नी से शादी करना चाहता था.

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