दिमागी ज्वर से बालक की मौत पर हरकत में मध्यप्रदेश सरकार, लेकिन चमकी बुखार से इनकार

इंदौर : मध्यप्रदेश सरकार ने दिमागी ज्वर से नौ वर्षीय बालक की रविवार को हुई मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए पड़ोसी देवास जिले के ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों की सेहत की स्थिति जांचने के लिये सर्वेक्षण शुरू कराया है. सरकार ने हालांकि मीडिया के एक तबके में आयी उन खबरों को सिरे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 23, 2019 7:57 PM

इंदौर : मध्यप्रदेश सरकार ने दिमागी ज्वर से नौ वर्षीय बालक की रविवार को हुई मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए पड़ोसी देवास जिले के ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों की सेहत की स्थिति जांचने के लिये सर्वेक्षण शुरू कराया है.

सरकार ने हालांकि मीडिया के एक तबके में आयी उन खबरों को सिरे से नकार दिया कि दम तोड़ने वाले बालक में उस चमकी बुखार जैसे लक्षण थे जो बिहार में नौनिहालों की लगातार जान ले रहा है. मस्तिष्क ज्वर (एक्यूट एनसेफेलाइटिस सिंड्रोम) को बिहार में स्थानीय स्तर पर चमकी बुखार कहा जा रहा है.

स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि देवास जिले के जामनेर गांव के निवासी असलम (9) को शनिवार रात इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसके परिजन रविवार सुबह किसी निजी कारण से उसे अस्पताल से ले गये। बाद में बालक की मौत हो गयी.

इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने बताया, असलम के रक्त और उसके शरीर के अन्य द्रवों के नमूनों की जांच से स्पष्ट है कि उसकी मृत्यु उस चमकी बुखार से नहीं हुई, जिसका बिहार में प्रकोप चल रहा है. यह जांच इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की प्रयोगशाला में करायी गयी.

उन्होंने कहा, बिहार में देखा जा रहा है कि एक खास इलाके में रहने वाले बच्चों के रक्त में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है जिससे उनकी अचानक मृत्यु हो जाती है. ये लक्षण असलम में नहीं पाये गये. जड़िया ने कहा, असलम एक तरह के विषाणुजनित मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित था, लेकिन उसमें चमकी बुखार से अलग लक्षण थे.

इस बीच, देवास के सीएमएचओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि डॉक्टरों की टीम ने उस जामनेर गांव में बच्चों की सेहत की स्थिति जांचने के लिये सर्वेक्षण शुरू कर दिया है, जहां असलम रहता था. इस गांव की आबादी 850 के आस-पास है जिसमें करीब 150 बच्चे शामिल हैं.

उन्होंने बताया, असलम घुमक्कड़ समुदाय के परिवार से ताल्लुक रखता था. तंबुओं में रहने वाला यह परिवार हाल ही में महाराष्ट्र से लौटा है. इंदौर के सीएमएचओ प्रवीण जड़िया के मुताबिक असलम की मौत रास्ते में हुई, जब उसके परिजन उसे एमवायएच से जामनेर गांव ले जा रहे थे.

बहरहाल, एमवायएच में असलम के तीमारदार के रूप में मौजूद रहे उसके मामा हलीम शाह का दावा है कि बालक की इसी सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार सुबह साढ़े छह बजे के आस-पास मौत हो गयी थी. शाह ने कहा, जब एमवायएच के डॉक्टरों ने हमें बताया कि असलम की मौत हो गयी है, तो हम उसके शव को अस्पताल से ले गये और उसे मुस्लिम रीति-रिवाजों के मुताबिक दफना दिया.

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