पंजाब के मंत्री साधु सिंह ने सिद्धू को दी नसीहत : बोले – अमेरिंदर सिंह के साथ काम नहीं कर सकते, तो इस्तीफा दे दें

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार में मंत्री साधु सिंह धरमसोट ने सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू को कहा कि यदि वह मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं कर सकते, तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दें. धरमसोट का यह बयान अमरिंदर सिंह के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें सिंह ने सिद्धू पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 20, 2019 8:23 PM

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार में मंत्री साधु सिंह धरमसोट ने सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू को कहा कि यदि वह मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं कर सकते, तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दें. धरमसोट का यह बयान अमरिंदर सिंह के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें सिंह ने सिद्धू पर चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच तनाव बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री के समर्थन में एक-एक कर कई मंत्री सामने आने लगे हैं.

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दरअसल, अमरिंदर सिंह ने राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मामलों के मंत्री सिद्धू को अपने खिलाफ टिप्पणी को लेकर निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि सिद्धू संभवत: महत्वाकांक्षी हैं और मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्र के मुख्यमंत्री का समर्थन करने के बाद सोमवार को वन मंत्री धरमसोट ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सिद्धू का हालिया बयान पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है और इससे पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है.

धरमसोट ने कहा कि सिद्धू ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब पूरी कांग्रेस एकजुट होकर पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें जीतने की कोशिश कर रही थी. पार्टी हाईकमान को इन टिप्पणियों का संज्ञान लेना चाहिए. यदि सिद्धू को लगता है कि वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं कर सकते हैं, तब उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, अब भी उनकी महत्वाकांक्षा काफी अधिक बनी हुई है और वह कहीं भी जाते हैं, तो असंतुष्ट रहते हैं. जब वह भाजपा में थे, संतुष्ट नहीं थे. आज उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है, कल संभव है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी से भी उन्हें संतुष्टि नहीं मिले. मतलब है कि वह कहीं भी जाते हैं, उनके पास दिक्कतें होती हैं.

धरमसोट ने कहा कि कांग्रेस ने सिद्धू को उनकी क्षमता से अधिक दिया है. उन्होंने कहा कि राजनीति गंभीर पेशा है, हम सभी इसमें लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने तथा गरीब एवं कमजोर वर्ग का जीवनस्तर ऊपर उठाने के लिए हैं. पद और कुर्सी के लिए भागदौड़ लक्ष्य नहीं होना चाहिए. निजी तौर पर मुझे लगता है कि सिद्धू को पार्टी ने उनकी क्षमता से अधिक दिया है.

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