मप्र : कांग्रेस को दलित बहुल चार सीटों पर जीत की उम्मीद, टीकमगढ़ में 6, भिंड में 12 व देवास, उज्जैन में 19 मई को मतदान

भोपाल : मध्य प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में मिले वोटों के आधार पर कांग्रेस को उम्मीद है कि 2014 में जिन दलित बहुल चार सीटों- भिंड, टीकमगढ़, देवास और उज्जैन पर भाजपा की जीत हुई थी, वहां वह अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. हालांकि इस क्षेत्र में बसपा भी अपनी ताकत दिखा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 6, 2019 5:37 AM
भोपाल : मध्य प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में मिले वोटों के आधार पर कांग्रेस को उम्मीद है कि 2014 में जिन दलित बहुल चार सीटों- भिंड, टीकमगढ़, देवास और उज्जैन पर भाजपा की जीत हुई थी, वहां वह अच्छा प्रदर्शन कर सकती है.
हालांकि इस क्षेत्र में बसपा भी अपनी ताकत दिखा रही है. कांग्रेस को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इन चार लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के दौरान अच्छी बढ़त मिली थी. पार्टी यहां के 32 विधानसभा क्षेत्रों में से 17 में जीतने में कामयाब रही थी. इन चारों सीटों पर मौजूदा सांसद भाजपा से हैं.
वहीं, भाजपा इन चारों लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सिर्फ 13 विधानसभा सीटों पर पिछले साल जीत दर्ज कर पायी थी, लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि वह इस चुनाव में वापसी करेगी. वहीं, विधानसभा चुनाव में यहां बाकी बची दो सीटों में से एक पर सपा और एक पर बसपा के उम्मीदवार की जीत हुई थी.
गुना की घटना से बसपा कांग्रेस से नाखुश : राज्य में बसपा भले ही कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रही हो, लेकिन वह गुना में हुए घटनाक्रम से खुश नहीं है. दरअसल, गुना से बसपा ने लोकेंद्र सिंह राजपूत को टिकट दिया था, लेकिन बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गये और उन्होंने अपना समर्थन यहां से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया को दे दिया. मायावती ने इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस को चेतावनी दी थी.
तीन सीटों पर कांग्रेस को पिछली बार ज्यादा वोट
विधानसभा में वोटों के लिहाज से देखें, तो तीन लोकसभा क्षेत्रों- भिंड, देवास और उज्जैन में कांग्रेस के समर्थन में ज्यादा मत पड़े थे, लेकिन टीकमगढ़ में भाजपा आगे थी. प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रमुख महेंद्र बौद्ध ने कहा, कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में इन चार लोकसभा क्षेत्रों में आने वाली सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया. दलित भाजपा से परेशान हैं. भाजपा की कार्यप्रणाली असंवैधानिक है.

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