अखबार की संपादक, प्रकाशक को अवमानना मामले में दोषी ठहराने के आदेश पर रोक

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मेघालय उच्च न्यायालय के एक फैसले पर रोक लगा दी जिसमें द शिलांग टाइम्स की संपादक पैट्रिसिया मुखिम और प्रकाशक शोभा चौधरी को अवमानना के एक मामले में दोषी ठहराया गया था. उच्च न्यायालय ने दोनों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था और कहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 15, 2019 6:13 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मेघालय उच्च न्यायालय के एक फैसले पर रोक लगा दी जिसमें द शिलांग टाइम्स की संपादक पैट्रिसिया मुखिम और प्रकाशक शोभा चौधरी को अवमानना के एक मामले में दोषी ठहराया गया था.

उच्च न्यायालय ने दोनों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था और कहा था कि अगर दोनों ने राशि जमा नहीं की तो उन्हें छह महीने की साधारण कैद काटनी होगी और अखबार पर प्रतिबंध लगा दिया जायेगा. मामला सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और उनके परिवारों के लिए सुविधाओं और वेतन-भत्तों पर अखबार में एक लेख के प्रकाशन से जुड़ा है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता तथा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की उच्चतम न्यायालय की पीठ ने अखबार की संपादक और प्रकाशक की अपील पर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को नोटिस भी जारी किया.

अवमानना मामले में फैसला सुनाते हुए उच्च न्यायालय ने आठ मार्च को दोनों से अदालत उठने तक न्यायालय कक्ष के कोने में बैठे रहने की सजा काटने को कहा था. उच्च न्यायालय के आदेश पर शीर्ष अदालत द्वारा स्थगन लगाये जाने के तत्काल बाद मुखिम ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने मेघालय उच्च न्यायालय के 8 मार्च, 2019 के फैसले पर रोक लगा दी और उसे निलंबित कर दिया. मुझे पूरा विश्वास है कि न्यायपालिका प्रेस की आजादी का संरक्षण करेगी.

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