राफेल मामला : ”द हिंदू” के खिलाफ सरकार की ओर से दी गयी कार्रवाई की धमकी पर मीडिया चिंतित

नयी दिल्ली : प्रेस निकायों के एक समूह ने रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेजों के आधार पर राफेल सौदे पर लेख प्रकाशित करने के लिए ‘द हिंदू’ अखबार पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत कार्रवाई करने की सरकार की धमकी पर गुरुवार को चिंता जतायी और कहा कि इस कानून की ‘समीक्षा’ की जरूरत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 7, 2019 6:35 PM

नयी दिल्ली : प्रेस निकायों के एक समूह ने रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेजों के आधार पर राफेल सौदे पर लेख प्रकाशित करने के लिए ‘द हिंदू’ अखबार पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत कार्रवाई करने की सरकार की धमकी पर गुरुवार को चिंता जतायी और कहा कि इस कानून की ‘समीक्षा’ की जरूरत है. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेंस प्रेस कोर और प्रेस एसोसिएशन ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हम मानते हैं कि समय आ गया है कि सरकारी गोपनीयता कानून के साथ मानहानि कानून की चौथे स्तंभ के खिलाफ संभावित दुरुपयोग के मद्देनजर समीक्षा की जाये.

इसे भी देखें : सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल बोले- राफेल डील के दस्तावेज चोरी

सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल विमान सौदे से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गये और उसने राफेल पर पुनर्विचार याचिका तथा गलत बयानी संबधी आवेदन खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि ये चोरी किये गये दस्तावेजों पर आधारित हैं. संयुक्त बयान में कहा गया है कि हम पत्रकार संगठन भारत के अटॉर्नी जनरल द्वारा दिये गये बयानों पर चिंता जताते हैं कि द हिंदू अखबार में प्रकाशित राफेल सौदे पर खबरें रक्षा मंत्रालय से चोरी किये गये दस्तावेजों पर आधारित हैं.

इसमें कहा गया है कि चौथा स्तंभ दोहरी जिम्मेदारी से बंधा हुआ है. उसका काम सवाल उठाने के साथ-साथ जनता के हित में क्या है, इसकी रिपोर्टिंग करना है, चाहे कोई भी सरकार सत्ता में हो. यह इसकी नैतिक जिम्मेदारी है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के शीर्ष अधिकारी इस जिम्मेदारी का निर्वहन करने से रोक रहे हैं.

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