कन्हैया, खालिद व अन्य पर केस चलाने की अनुमति में विलंब पर दिल्ली सरकार को फटकार

नयी दिल्ली : यहां की एक अदालत ने 2016 के राजद्रोह मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार एवं अन्य पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने में विलंब के लिए दिल्ली सरकार को बुधवार को फटकार लगाते हुए कहा कि वे अनिश्चितकाल तक फाइल को लेकर बैठ नहीं सकते. मुख्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 6, 2019 8:15 PM

नयी दिल्ली : यहां की एक अदालत ने 2016 के राजद्रोह मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार एवं अन्य पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने में विलंब के लिए दिल्ली सरकार को बुधवार को फटकार लगाते हुए कहा कि वे अनिश्चितकाल तक फाइल को लेकर बैठ नहीं सकते.

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह संबंधित अधिकारियों को प्रक्रिया तेज करने को कहे. अदालत ने इसके साथ ही कन्हैया और जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी अनुमति हासिल करने के लिए उसे तीन सप्ताह का समय दिया. जब दिल्ली पुलिस ने अनुमति हासिल करने के लिए और वक्त मांगा, तो अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 28 फरवरी को निर्धारित कर दी. अदालत ने कहा, संबंधित अधिकारियों से मामले में तेजी लाने को कहें. वे अनिश्चितकाल तक फाइल को लेकर बैठ नहीं सकते.

अदालत ने इससे पहले अनुमति हासिल किये बिना कन्हैया और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के लिए दिल्ली पुलिस से सवाल किया था. अदालत ने कहा था, आपने मंजूरी के बिना आरोप पत्र क्यों दाखिल किया. क्या आपके पास कानूनी विभाग नहीं है. पुलिस ने 14 जनवरी को कन्हैया और जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद एवं अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ शहर की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया था. इसमें कहा गया था कि कन्हैया ने संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर विश्वविद्यालय में नौ फरवरी 2016 को रखे गये एक कार्यक्रम के दौरान सभा की अगुवाई की थी और उसने देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था.

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