गुजरात में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा की हो रही अनदेखी, 2061 में से 1445 फेंसिंग लाइट बंद

देश में सेना और सुरक्षा बलों को किन परिस्थितियों में देश की सुरक्षा को जिम्मा संभालना पड़ रहा है, इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है. और ऐसी परिस्थिति अगर विश्व की सबसे संवेदनशील सीमाओं में से एक भारत-पाक सीमा पर हो तो देश में घुसपैठियों की बढ़ती समस्या के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2018 6:26 AM
देश में सेना और सुरक्षा बलों को किन परिस्थितियों में देश की सुरक्षा को जिम्मा संभालना पड़ रहा है, इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है. और ऐसी परिस्थिति अगर विश्व की सबसे संवेदनशील सीमाओं में से एक भारत-पाक सीमा पर हो तो देश में घुसपैठियों की बढ़ती समस्या के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.
पिछले महीने नयी दिल्ली स्थित बीएसएफ मुख्यालय में अंतर विभागीय समन्वय समिति की एक बैठक हुई. बैठक के मिनट्स में बीएसएफ ने सरकार की सबसे बड़ी निर्माण इकाई केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को बताया कि यह गुजरात के भुज और गांधीनगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 2,061 फेंसिंग लाइट खंभों में से केवल 616 ही काम कर रहे हैं. बीएसएफ ने सीपीडब्ल्यूडी को यह भी सूचित किया कि 82 डीजल जेनरेटरों में से केवल 38 ही काम कर रहे हैं जिससे संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जवानों की अभियानगत ड्यूटी प्रभावित हो रही है.
इसके अलावा सीमा पर 43 हाइमास्ट लाइट लगाने की स्वीकृति दी गयी थी. इनमें से अब तक 25 का ही निर्माण हो पाया है और तीन पर अभी काम चल रहा है. बचे हुए 15 लाइटों का अभी कुछ अता-पता भी नहीं है. बैठक में बीएसएफ महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा और सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक प्रभाकर सिंह शामिल हुए. बीएसएफ ने सीपीडब्ल्यूडी से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द मरम्मत संबंधी कार्य करे.
बीएसएफ ने सरकार को दी जानकारी- जवानोंकी ड्यूटी हो रही प्रभावित, घुसपैठ की आशंका.
चार राज्यों से लगती है भारत-पाक सीमा
जम्मू-कश्मीर 1225 किमी (740 किमी एलओसी)
राजस्थान 1037 किमी
पंजाब 553 किमी
गुजरात 508 किमी
गुजरात-पाक सीमा : फैक्ट फाइल
508 किलोमीटर लंबाई
फेंसिंग लाइट : 2,061
1445 खराब
616 कार्यरत
44 बेकार
38 चालू
हाइमास्ट लाइट : 43 स्वीकृत
25 बना, 03 पर चल रहा काम