अनंत कुमार ने दक्षिण में भाजपा को किया मजबूत, अटल-आडवाणी से लेकर मोदी तक के रहे करीबी

नयी दिल्ली : अनंत कुमार मौजूदाएनडीए सरकार में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और रसायन एवं उर्वरक मंत्री थे. छह बार के सांसद कुमार आरएसएस कार्यकर्ता से केंद्रीय मंत्री बनने तक राजनीतिक सोपान तेजी से चढ़ते गये. वह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के हमेशा करीब रहे. वह चाहे अटल बिहारी वाजपेयी या लालकृष्ण आडवाणी का दौर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 12, 2018 9:15 AM

नयी दिल्ली : अनंत कुमार मौजूदाएनडीए सरकार में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और रसायन एवं उर्वरक मंत्री थे. छह बार के सांसद कुमार आरएसएस कार्यकर्ता से केंद्रीय मंत्री बनने तक राजनीतिक सोपान तेजी से चढ़ते गये. वह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के हमेशा करीब रहे. वह चाहे अटल बिहारी वाजपेयी या लालकृष्ण आडवाणी का दौर रहा हो या मौजूदा नरेंद्र मोदी का दौर.

वह 1987 में भाजपा में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह एबीवीपी के राज्य सचिव और राष्ट्रीय सचिव, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और महासचिव रहे.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा के साथ कुमार उन चंद पार्टी नेताओं में शामिल थे, जिन्हें कर्नाटक में भाजपा के विस्तार का श्रेय दिया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने राज्य में संगठन को खड़ा किया और वर्ष 2008 में पार्टी को राज्य की सत्ता तक पहुंचाया.

दक्षिण भारत में तब भाजपा की पहली सरकार बनी थी. कुमार 1996 में पहली बार बेंगलुरु दक्षिण सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और निधन होने तक यह क्षेत्र उनका गढ़ रहा.

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