चिदंबरम का आरोप : रिजर्व बैंक को अपनी मुठ्ठी में करने की कोशिश कर रही है मोदी सरकार

कोलकाता : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार राजकोषीय संकट से उबरने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ‘अपनी मुठ्ठी में करने’ का प्रयास कर रही है. चिंदबरम ने आगाह किया कि इस तरह के प्रयासों के चलते भारी मुसीबत खड़ी हो सकती है. उन्होंने आरोप लगाया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 8, 2018 5:18 PM

कोलकाता : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार राजकोषीय संकट से उबरने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ‘अपनी मुठ्ठी में करने’ का प्रयास कर रही है. चिंदबरम ने आगाह किया कि इस तरह के प्रयासों के चलते भारी मुसीबत खड़ी हो सकती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल में अपने चहेतों को भर दिया है. सरकार का प्रयास है कि 19 सितंबर को होने वाली आरबीआई निदेशक मंडल की बैठक में उसके प्रस्ताव को मंजूर कर लिया जाये.

इसे भी पढ़ें : नोटबंदी मामला : चिदंबरम ने जेटली को याद दिलायी पुरानी बातें

पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार के सामने राजकोषीय घाटे का संकट खड़ हो गया है. वह इस चुनावी वर्ष में खर्च बढ़ाना चाहती है. सारे रास्ते बंद देखने के बाद हताशा में सरकार ने आरबीआई से उसके आरक्षित कोष से एक लाख करोड़ रुपये की मांग की है. उन्होंने दावा किया कि यदि आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल अपने रुख पर कायम रहते हैं, तो केंद्र सरकार की योजना आरबीआई कानून 1934 की धारा-सात के तहत दिशानिर्देश जारी करने की है. सरकार केंद्रीय बैंक को एक लाख करोड़ रुपये सरकारी खाते में हस्तांतरित करने का निर्देश दे सकती है.

चिदंबरम ने कहा कि इस समय आरबीआई निदेशक मंडल की 19 नवंबर की बैठक महत्वपूर्ण हो गयी है. इसमें कोई निर्णय हो सकता है. उन्होंने कहा कि यदि आरबीआई सरकार से अलग राय रखती है या आरबीआई के गवर्नर इस्तीफा देते हैं, तो भारी मुसीबत पैदा हो सकती है.

Next Article

Exit mobile version