इंदिरा, संजय और राजीव गांधी के बेहद करीबी थे एनडी तिवारी, आखिरी दिनों में हुए भाजपा में शामिल

नयी दिल्‍ली : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और तीन बार उत्तरप्रदेश व एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी ने आज 93 साल की उम्र में अपने जन्‍मदिन पर आखिरी सांस ली. एनडी तिवारी शुरू से कांग्रेसी रहे. लेकिन 18 जनवरी 2017 को बेटे रोहित शेखर के साथ भाजपा में शामिल हो गये. भाजपा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 18, 2018 4:52 PM

नयी दिल्‍ली : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और तीन बार उत्तरप्रदेश व एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी ने आज 93 साल की उम्र में अपने जन्‍मदिन पर आखिरी सांस ली.

एनडी तिवारी शुरू से कांग्रेसी रहे. लेकिन 18 जनवरी 2017 को बेटे रोहित शेखर के साथ भाजपा में शामिल हो गये. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने आवास पर दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलायी थी.

तिवारी इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राजीव गांधी तीनों के बेहद करीबी रहे. 1986–1987 में वह राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में विदेश मंत्री थे. 1990 में उनका कद कांग्रेस में इतना बड़ा था कि राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर उनके नाम की चर्चा थी. हालांकि पार्टी ने यह पद पीवी नरसिंह राव को सौंपा. 2007 में तिवारी को कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया था. हालांकि उनका यह कार्यकाल विवादों से भरा रहा. 2009 में एक सेक्स स्कैंडल में उनका नाम आया और उन्हें राज्यपाल का पद छोड़ना पड़ा था.

एनडी तिवारी का कार्यकाल विवादों से भरा रहा. रोहित शेखर एनडी तिवारी के बेटे हैं. इस बात को साबित करने के लिए 2008 में रोहित और उनकी मां उज्ज्वला शर्मा ने अदालत में पितृत्च वाद दायर किया था.

उन्होंने दावा किया था कि एनडी तिवारी ही उसके जैविक पिता हैं. चार साल की कानूनी लड़ाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अदालत की निगरानी में एनडी तिवारी का ब्लड सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए लिया गया था.

सेंटर फोर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायएग्नोस्टिक्स ने एनडी तिवारी, रोहित शेखर और रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा की डीएनए जांच की थी. इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली हाइकोर्ट ने एनडी तिवारी को रोहित शेखर का जैविक पिता माना था और खुद तिवारी ने उन्हें अपना बेटा स्वीकार किया था.

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