#MeToo: अकबर के खिलाफ और महिलाओं ने लगाये आरोप, बॉलीवुड दिग्गज भी आये निशाने पर

नयी दिल्ली/ मुंबई : केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के एक महिला पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने के एक दिन बाद दो और महिलाओं ने उनपर (मंत्री पर) यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये. वहीं ‘मी टू’ की लहर देश में मंगलवार को भी जारी रही और बॉलीवुड से जुड़े कई बड़े नाम इसके […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 16, 2018 10:46 PM

नयी दिल्ली/ मुंबई : केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के एक महिला पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने के एक दिन बाद दो और महिलाओं ने उनपर (मंत्री पर) यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये.

वहीं ‘मी टू’ की लहर देश में मंगलवार को भी जारी रही और बॉलीवुड से जुड़े कई बड़े नाम इसके निशाने पर आये. करीब 16 महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद भी राज्य विदेश मंत्री ने आज अन्य मंत्रियों की तरह अपना कामकाज जारी रखा.

वहीं निशाने पर आये लोगों की सूची में मंगलवारको जतिन दास का नाम भी शामिल हो गया. पद्म भूषण से सम्मानित दास पर उद्यमी निशा बोरा ने वर्ष 2004 में गलत तरीके से छूने और जबरन चुमने का आरोप लगाया है.

दास ने कहा, मैं स्तब्ध हूं… मैं उन्हें नहीं जानता, मैं उनसे कभी नहीं मिला और अगर मैं कभी कहीं किसी से मिलता भी तो कभी ऐसा व्यवहार नहीं करता… यह घिनौना है. मंगलवार को यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे हिंदी फिल्म जगत के दो वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पद से हाथ धोना पड़ा.

कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के अध्यक्ष ने भी इस्तीफा दे दिया है. यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे अकबर भी निशाने पर बने रहे.

पत्रकार तुषिता पटेल ने आरोप लगाया कि 1990 की शुरुआत में कुछ काम के बहाने अकबर ने उन्हें कमरे में बुलाया और जब दरवाजा खोला तो उन्हें केवल अंदरूनी वस्त्र पहने थे.

जब वह (तुषिता) 22 वर्ष की थीं और ‘द टेलीग्राफ’ में बतौर प्रशिक्षु काम कर रहीं थीं. तुषिता ने अकबर पर उनके साथ दो बार बदसलूकी करने का आरोप लगाया है.

दूसरी घटना तब हुई, जब वह हैदराबाद में ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ में काम करती थीं. ‘द क्विंट’ के लिए लिखने वाली उद्यमी स्वाती गौतम ने आरोप लगाया है कि जब वह छात्रा थीं तब कोलकाता में अकबर से उनके (अकबर के) कमरे में मिले थे और उन्होंने केवल बाथरोब पहन रखा था.

वह अकबर को सेंट जेवियर्स कॉलेज के एक सामरोह के लिए आमंत्रित (बतौर अतिथि वक्ता) करने गयीं थीं. ‘भारतीय महिला प्रेस कोर’ ने भी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि राज्य विदेश मंत्री के खिलाफ आरोपों की लंबी सूची होने के बावजूद भी सरकार ने आधिकारिक तौर पर कोई जांच शुरू नहीं की है.

बयान में अकबर का नाम लिये बिना कहा गया, हमारा मानना है कि मंत्री के अपने पद पर बने रहने से गलत संदेश बाहर जाएगा कि सरकार इस गंभीर मुद्दे को लेकर उदासीन है.

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