किसी गठबंधन में सीटों की भीख मांगने के बजाय अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा : मायावती

नयी दिल्ली : बसपा अध्यक्ष मायावती ने दलित, अल्पसंख्यक और सवर्ण समाज के गरीबों की बदहाली के लिए भाजपा और कांग्रेस को बराबर का जिम्मेदार ठहराया है. मायावती ने मंगलवार को बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, हम जानते हैं कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 9, 2018 4:19 PM

नयी दिल्ली : बसपा अध्यक्ष मायावती ने दलित, अल्पसंख्यक और सवर्ण समाज के गरीबों की बदहाली के लिए भाजपा और कांग्रेस को बराबर का जिम्मेदार ठहराया है.

मायावती ने मंगलवार को बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, हम जानते हैं कि ना तो भाजपा और ना ही कांग्रेस बहुजन समाज और सवर्ण समाज के ग़रीबों की हितैषी पार्टी है. अगर ऐसा नहीं होता तो इन वर्गों की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक हालत आज इतनी ज्यादा दयनीय नहीं होकर पिछले 70 वर्षों में काफी सुधर गयी होती तथा सत्ता में इनकी समुचित भागीदारी भी होती. यहां बहुजन प्रेरणा केंद्र में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में संक्षिप्त संबोधन के दौरान उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर बराबर निशाना साधा.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के बारे में मायावती ने बसपा को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने को प्रमुख वजह बताया. उन्होंने कहा, वैसे तो भाजपा और कांग्रेस से इन वर्गों के व्यापक हित एवं सम्मान की उम्मीद भी नहीं है, लेकिन इनका अपमान भी हम बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसीलिए चुनावी गठबंधनों के लिए हमारी पार्टी ने सम्मानजनक सीटें मिलने मात्र की शर्त रखी थी. इसका मतलब साफतौर पर यह है कि गठबंधन में बसपा सीटों के लिए भीख नहीं मांगेगी.

मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर बसपा को कमजोर करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, कांग्रेस व भाजपा, दोनों ही पार्टियां बसपा और इसके नेतृत्व को कमजोर, बदनाम एवं राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहती हैं. खासकर चुनाव के समय तो यह कुत्सित प्रयास और भी ज्यादा सघन और विषैले हो जाते हैं. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को इससे सावधान रहने के लिए आगाह भी किया.

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