J&K: पुलवामा के गांवों को सुरक्षाबलों ने घेरा, सर्च ऑपरेशन जारी, आतंकियों के छिपे होने की खबर

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर स्थित पुलवामा जिले के आठ गांवों में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर शनिवार सुबह बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. सुरक्षाबल हर घर में घुसकर तलाशी ले रहे हैं. आतंकियों ने पूरे इलाके को कॉर्डन ऑफ कर दिया है. सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि इस इलाके में कुछ आतंकी छिपे हैं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 22, 2018 12:43 PM

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर स्थित पुलवामा जिले के आठ गांवों में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर शनिवार सुबह बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. सुरक्षाबल हर घर में घुसकर तलाशी ले रहे हैं. आतंकियों ने पूरे इलाके को कॉर्डन ऑफ कर दिया है. सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि इस इलाके में कुछ आतंकी छिपे हैं जिसके बाद यहां ऑपरेशन को शुरू किया गया. आतंकी कितनी संख्‍या में हैं फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिली है. यहां चर्चा कर दें कि हिज्बुल मुजाहिदीन ने शुक्रवार को कश्मीर के शोपियां जिले में तीन पुलिसकर्मियों को उनके घरों से अगवा करने के बाद गोली मार कर उनकी हत्या कर दी. तीन दशक से आतंक से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर के अध्याय में यह नया मोड़ है. घटना के बाद छह पुलिस अफसरों (एसपीओ) ने सोशल मीडिया पर इस्तीफे की घोषणा की. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस्तीफे की बात को खारिज करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट प्रायोजित है.

भारत व पाकिस्तान के बीच वार्ता रद्द
इस बीच केंद्र सरकार ने न्यूयॉर्क में भारत व पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की होनेवाली द्विपक्षीय मुलाकात को रद्द करने की घोषणा की है. मारे गये तीनों पुलिसकर्मियों को शुक्रवार की सुबह बाटागुंड व कापरान गांव स्थित उनके घरों से अगवा किया गया था. बाटागुंड गांव के निवासियों ने आतंकियों का पीछा किया व अपहृत पुलिसकर्मियों को छोड़ने की गुहार लगायी. फिर भी आतंकी नहीं माने और नदी पार ले जाकर पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून डाला. मारे गये पुलिसकर्मियों की पहचान कांस्टेबल निसार अहमद, दो विशेष पुलिस अधिकारियों – फिरदौस अहमद व कुलवंत सिंह के तौर पर हुई है. हिज्बुल मुजाहिदीन संगठन से कथित रूप से संबद्ध एक ट्विटर हैंडल पर किये गये पोस्ट में घटना की जिम्मेवारी ली है.

कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों का मामला
आतंक से जूझ रहे राज्य में पुलिसकर्मियों को उनके घरों से अगवा कर उनकी हत्या का यह पहला मामला है. हत्या की इस घटना से पुलिस विभाग में खलबली मच गयी है. दो पुलिसकर्मियों ने वीडियो संदेश भेजकर बल से खुद को अलग करने की बात कही है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो संदेश में एक व्यक्ति कह रहा है कि ‘मेरा नाम इरशाद अहमद बाबा है और मैं कांस्टेबल के पद पर था. मैंने इस्तीफा दे दिया है.’ वहीं, एसपीओ तजाल्ला हुसैन लोन कह रहे हैं कि मैंने 17 सितंबर को इस्तीफा दे दिया. इन इस्तीफों पर पुलिस ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.मालूम हो कि हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइको ने कई बार स्थानीय पुलिसकर्मियों को यह कहकर बल से इस्तीफा देने की धमकी दी थी कि सरकार उनका इस्तेमाल कर रही है. इन पुलिसकर्मियों को तीन सप्ताह पहले अगवा किया गया था. हत्या की ये घटनाएं पंचायत और स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव की घोषणा के बाद हो रही हैं.

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