J&K: आतंकवादियों की कायराना हरकत, 3 पुलिसकर्मियों की हत्या की, डर से चार SPO ने दिया इस्तीफा

श्रीनगर: आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिला से अगवा करने के बाद तीन पुलिसकर्मियों की शुक्रवार सुबह गोली मार कर हत्या कर दी. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिसकर्मियों के शव वंगम इलाके में एक बाग से बरामद किये गये. इस जगह से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित एक गांव से उन्हें अगवा किया गया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 21, 2018 8:56 AM

श्रीनगर: आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिला से अगवा करने के बाद तीन पुलिसकर्मियों की शुक्रवार सुबह गोली मार कर हत्या कर दी. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिसकर्मियों के शव वंगम इलाके में एक बाग से बरामद किये गये. इस जगह से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित एक गांव से उन्हें अगवा किया गया था. इस घटना के बाद इलाके के चार एसपीओ ने इस्तीफा दे दिया है. इन एसपीओ ने बकायदा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है. वीडियो में ये इस्तीफा देने की घोषणा करते नजर आ रहे हैं.

पुलिस ने मृतकों की पहचान कांस्टेबल निसार अहमद, दो विशेष पुलिस अधिकारियों – फिरदौस अहमद और कुलवंत सिंह के तौर पर की है. ये पुलिसकर्मी शोपियां जिला के कापरेन और हीपोरा इलाके से थे. पुलिस ने बताया कि बाटागुंड गांव के निवासियों ने आतंकवादियों का पीछा किया और उनसे पुलिसकर्मियों को अगवा नहीं करने का अनुरोध किया, लेकिन आतंकवादियों ने हवा में गोली चलायी और ग्रामीणों को धमकी दी.

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उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने इलाके में एक नदी को पार किया और वहीं गोली मार कर पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी. निसार अहमद सशस्त्र पुलिस में कार्यरत थे, फिरदौस अहमद रेलवे में सेवा दे रहे थे जिन्हें कांस्टेबल बनाये जाने की प्रक्रिया चल रही थी जबकि कुलवंत सिंह कुलगाम पुलिस में तैनात थे. आतंकवादियों ने पुलिस कांस्टेबल के भाई को भी अगवा किया था, हालांकि बाद में उसे उन्होंने छोड़ दिया था.

हिजबुल मुजाहिदीन संगठन से कथित रूप से संबद्ध एक ट्विटर हैंडल पर इस अपहरण और हत्या की वारदात को अंजाम देने का दावा किया गया. इन पुलिसकर्मियों को तीन सप्ताह पहले अगवा किया गया था. इससे पहले आतंकवादियों ने 30 अगस्त को दक्षिण कश्मीर में विभिन्न स्थानों से पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों को अगवा किया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया था. इस तरह के कम से कम आठ लोगों को अगवा किया गया था, जिनके रिश्तेदार जम्मू कश्मीर पुलिस में काम करते हैं. हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू ने 12 मिनट के एक वीडियो में कथित रूप से इस अपहरण की जिम्मेदारी ली. उसने पुलिस हिरासत में मौजूद आतंकवादियों के रिश्तेदारों को रिहा करने के लिये तीन दिन का समय दिया है.

वैश्विक तौर पर वांछित आतंकवादी और हिज्बुल मुजाहिदीन संगठन के नेता सैयद सलाहुद्दीन के दूसरे बेटे की एनआईए द्वारा गिरफ्तारी के बाद 30 अगस्त को अपहरण की इस घटना को अंजाम दिया गया.

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