शिवसेना ने कहा, एआईएमआईएम-बीबीएम के प्रस्तावित गठबंधन से भाजपा को होगा फायदा

मुंबई : लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाईवाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लीमीन (एआईएमआईएम) और प्रकाश आंबेडकर की अगुवाईवाले भारिप बहुजन महासंघ (बीबीएम) के बीच प्रस्तावित चुनाव पूर्व गठबंधन को ‘बोगस’ करार देते हुए शिवसेना ने सोमवार को कहा कि ऐसे राजनीतिक कदम से भाजपा को फायदा होगा. शिवसेना ने दावा किया कि बीबीएम प्रमुख आंबेडकर, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 17, 2018 4:09 PM

मुंबई : लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाईवाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लीमीन (एआईएमआईएम) और प्रकाश आंबेडकर की अगुवाईवाले भारिप बहुजन महासंघ (बीबीएम) के बीच प्रस्तावित चुनाव पूर्व गठबंधन को ‘बोगस’ करार देते हुए शिवसेना ने सोमवार को कहा कि ऐसे राजनीतिक कदम से भाजपा को फायदा होगा.

शिवसेना ने दावा किया कि बीबीएम प्रमुख आंबेडकर, जो दिवंगत डॉ भीमराव आंबेडकर के पौत्र हैं, का यह कदम अपने ही समुदाय के लोगों को धोखा देने जैसा है. किसी पार्टी का नाम लिये बगैर शिवसेना ने कहा कि ओवैसी और आंबेडकर का राजनीतिक गठबंधन सिर्फ किसी की हार के लिए है और एक योजनाबद्ध रणनीति है. एआईएमआईएम और बीबीएम के नेताओं ने शनिवार को कहा था कि दोनों पार्टियां 2019 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन करेगी. एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी ने कहा था कि दोनों पार्टियों के बीच हुई शुरुआती बातचीत से सकारात्मक नतीजे मिले हैं.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे गये एक संपादकीय में कहा, ‘एआईएमआईएम और प्रकाश आंबेडकर के अनुसूचित जातियों के मोर्चे का प्रस्तावित राजनीतिक गठबंधन शुभ संकेत नहीं है.’ केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की अगुवाईवाली सरकारों में साझेदार शिवसेना ने कहा कि अब तक एआईएमआईएम और बीबीएम पर्दे के पीछे रहकर भाजपा का समर्थन करती थी, लेकिन अब वे खुलकर भगवा पार्टी की मदद के लिए सामने आ गयी हैं. शिवसेना ने कहा कि भाजपा से खुलकर हाथ मिलाने की बजाय दोनों पार्टियों ने एक नया मोर्चा बनाने का रास्ता चुन लिया, जिसका दिवंगत बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों से कोई लेना-देना नहीं है. पार्टी ने कहा कि एआईएमआईएम दरअसल मुस्लिम लीग का एक ‘भ्रष्ट संस्करण’ है और वह मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करती है.

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