#KeralaFloods पर सुप्रीम कोर्ट ने दी यह सलाह

नयी दिल्ली:सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति और बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए केरल सरकार द्वारा गठित उपसमिति से कहा कि मुल्लापेरियार बांध का जल स्तर तीन फुट कम करने की संभावनातलाशें.चीफजस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस धनंजय वाइ चंद्रचूड़ की पीठ ने केरल और तमिलनाडु सरकार से कहा कि विस्थापित हुए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 17, 2018 2:58 PM

नयी दिल्ली:सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति और बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए केरल सरकार द्वारा गठित उपसमिति से कहा कि मुल्लापेरियार बांध का जल स्तर तीन फुट कम करने की संभावनातलाशें.चीफजस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस धनंजय वाइ चंद्रचूड़ की पीठ ने केरल और तमिलनाडु सरकार से कहा कि विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास और बांध का जल स्तर 142 फुट से घटाकर 139 फुट करने के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति के निर्देशों का पालन करें.

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पीठ ने कहा कि वह इस तरह की गंभीर प्राकृतिक आपदा से निबटने में विशेषज्ञ नहीं है और आपदा पर काबू पाने का मामला कार्यपालिका पर छोड़ रही है. शीर्ष अदालत ने केरल सरकार को आपदा प्रबंधन और पुनर्वास उपायों के बारे में उठाये गये कदमों पर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

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दक्षिण भारत के इस राज्य में माॅनसून की विभीषिका में अब तक 167 से अधिक व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, जबकि बारिश और बाढ़ से फसलों और अन्य संपत्तियों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. बारिश और मुल्लापेरियार, चेरूथोनी, इडुक्की जलाशय तथा ईदमलायर जलाशय के एक हिस्से सहित सारे बड़े बांधों के दरवाजे खोले जाने की वजह से पेरियार नदी में जल स्तर बढ़ने से निचले इलाके के लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

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