Mann Ki Baat में PM मोदी ने छात्रों को दी यह करने की सलाह

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काॅलेज जाने वाले युवाओं से कहा कि उन्हें अध्ययन करने के साथ नयी-नयी चीजें खोजने, नयी भाषाएं एवं कौशल सीखने तथा संस्कृति एवं पर्यटन स्थलों के बारे में जानना चाहिए. आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘किताबों के बिना कोई चारा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 29, 2018 2:16 PM

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काॅलेज जाने वाले युवाओं से कहा कि उन्हें अध्ययन करने के साथ नयी-नयी चीजें खोजने, नयी भाषाएं एवं कौशल सीखने तथा संस्कृति एवं पर्यटन स्थलों के बारे में जानना चाहिए. आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘किताबों के बिना कोई चारा नहीं है. अध्ययन करना पड़ता है, लेकिन नयी-नयी चीजें खोजने की प्रवृत्ति भी होनी चाहिए.’

उन्होंने कहा कि पुराने दोस्तों का अपना महामूल्य है. बचपन के दोस्त मूल्यवान होते हैं, लेकिन नये दोस्त चुनना, बनाना और बनाये रखना, यह अपने आप में एक बहुत बड़ी समझदारी का काम होता है. मोदी ने छात्रों से कहा, ‘कुछ नया सीखें, जैसे नया कौशल, नयी भाषाएं सीखें. जो युवा अपना घर छोड़कर बाहर किसी और जगह पर पढ़ने गये हैं, वे उन जगहों के बारे में खोज करें, वहां के लोगों को, भाषा को, संस्कृति को जानें, वहां के पर्यटन स्थल पर जायें, उनके बारे में जानें.’

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प्रधानमंत्री ने काॅलेज जाने वाले छात्रों से कहा कि नयी पारी प्रारंभ कर रहे सभी नौजवानों को उनकी शुभकामनाएं हैं. प्रधानमंत्री से सत्यम नामक एक छात्र ने पूछा था कि उसने इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष में दाखिला लिया है. ऐसे में उसके जैसे छात्रों के लिए प्रधानमंत्री का क्या संदेश है. मोदी ने कहा कि जुलाई और अगस्त के महीने किसानों और नौजवानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि यह काॅलेजों का महत्वपूर्ण समय होता है.

उन्होंने कहा कि ‘सत्यम’ जैसे लाखों युवा स्कूल से निकल कर काॅलेज जाते हैं. अगर फरवरी और मार्च परीक्षा पत्र में जाते हैं, तो अप्रैल और मई के महीने छुट्टियों में मौज-मस्ती करने के साथ-साथ परिणाम और जीवन में आगे की दिशाएं तय करने, करियर पर विचार करने में लगते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि जुलाई में युवा अपने जीवन के उस नये चरण में कदम रखते हैं, जब ध्यान प्रश्नों से हटकर कटऑफ पर चला जाता है. उन्होंने कहा कि छात्रों का ध्यान घर से हॉस्टल पर चला जाता है. छात्र अभिभावक की छाया से प्रोफेसर की छाया में आ जाते हैं.

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मोदी ने कहा, ‘मुझे पूरा यकीन है कि मेरे युवा-मित्र काॅलेज जीवन की शुरुआत को लेकर उत्साहित और खुश होंगे. पहली बार घर से बाहर जाना, गांव से बाहर जाना, एक संरक्षित माहौल से बाहर निकल करके खुद को ही अपना सारथी बनाना होता है.’

उन्होंने कहा कि इतने सारे युवा पहली बार अपने घरों को छोड़कर, अपने जीवन को एक नयी दिशा देने निकल आते हैं. कई छात्रों ने अभी तक अपने-अपने काॅलेज ज्वाइन कर लिये होंगे, कुछ करने वाले होंगे. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आप लोगों से मैं यही कहूंगा कि शांतचित्त होकर रहें, जीवन में अंतर्मन का भरपूर आनंद लें.’

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