मॉब लिंचिंग पर भाजपा अलग कानून बनाने के पक्ष में नहीं!

नयी दिल्ली : मॉब लिंचिंग यानी भीड़ द्वारा पीट कर जान से मार देने की घटना पर देश भर में हंगामा मचा हुआ है. भाजपाके कुछ सहयोगीदलसहित विपक्षयहचाहता है कि सरकार इस परएककठोरपृथक कानूनबनाये ताकि ऐसा करने वाले लोगों के मन में खौफ हो.हालांकिभाजपाइसपर अलग से कानून बनाने के पक्ष में नहीं है. सूत्रों के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 19, 2018 1:56 PM

नयी दिल्ली : मॉब लिंचिंग यानी भीड़ द्वारा पीट कर जान से मार देने की घटना पर देश भर में हंगामा मचा हुआ है. भाजपाके कुछ सहयोगीदलसहित विपक्षयहचाहता है कि सरकार इस परएककठोरपृथक कानूनबनाये ताकि ऐसा करने वाले लोगों के मन में खौफ हो.हालांकिभाजपाइसपर अलग से कानून बनाने के पक्ष में नहीं है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा के शीर्षनेतृत्व ने मॉब लिंचिंग के लिए अलग कानून बनाने की जरूरत को खारिज कर दिया है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में भी इस मुद्दे पर बयान दिया, जिसमें पृथक कानून बनाने का कोई संकेत नहीं दिया गया. अलबत्ता केंद्र ने इसकी जिम्मेवारी राज्यों के ऊपर होने की बात कही. उन्होंने कहा कि पब्लिक आॅर्डर व लॉ एंड ऑर्डर का मामला स्टेट का सबजेक्ट होता है. हालांकि केंद्र इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे नहीं रह सकता है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर जिस तरह का फेक न्यूज फैलायाजाता है उसे रोकने के लिए पहल की जा रही है और सोशल मीडिया प्रोवाइडर को उनके सिस्टम में चेक प्वाइंट बनाने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर वे राज्य के मुख्यमंत्रियों से अविलंब बात करते हैं और उन्हें कार्रवाई के लिए कहते हैं. मॉब लिंचिंग पर सरकार के जवाब से असंतोष जताने के लिए आज कांग्रेस ने सदन से वाक आउट किया.

रामविलास पासवान जैसे भाजपा के सहयोगी ने दो दिन पहले ही ट्वीट कर सरकार से मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने की मांग की थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया था, जिसमें मॉब लिंचिंग पर केंद्र व राज्यों को कानून बनाने का कहा था. ध्यान रहे कि 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का इस पर फैसला आया था और इसमें कहा गया था कि किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और इस पर सख्त कानून बनाया जाना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version