एंबुलेंस का दरवाजा नहीं खुलने के कारण बिहार की बच्ची की छत्तीसगढ़ में मौत

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अस्पताल ले जाते समय ​कथित रूप से एंबुलेंस का दरवाजा नहीं खुलने से ढाई महीने के एक शिशु की मृत्यु हो गयी है. बिहार के गया जिला निवासी अंबिका सिंह ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि ​उनके ढाई महीने की बच्ची को हृदय रोग होने के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 18, 2018 7:32 AM

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अस्पताल ले जाते समय ​कथित रूप से एंबुलेंस का दरवाजा नहीं खुलने से ढाई महीने के एक शिशु की मृत्यु हो गयी है. बिहार के गया जिला निवासी अंबिका सिंह ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि ​उनके ढाई महीने की बच्ची को हृदय रोग होने के कारण वह अपनी पत्नी के साथ नया रायपुर के सत्य साई अस्पताल के लिए यहां आए थे.

मंगलवार को वह ट्रेन से दिल्ली से रायपुर पहुंचे. सिंह ने बताया कि जब रायपुर पहुंचे तब उन्हें महसूस हुआ कि बच्ची की हालत बिगड़ रही है. बच्ची की हालत को देखते हुए उन्होंने मुफ्त एंबुलेंस सेवा संजीवनी एक्सप्रेस 108 से संपर्क किया. संपर्क करने के बाद एंबुलेंस स्टेशन पहुंच गया.

उन्होंने बताया कि जब ​बच्चे को लेकर पास के डाक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल पहुंचे तब एंबुलेस का दरवाजा नहीं खुला और वह भीतर ही फंस गये. जब उन्हें भीतर फंसे 40 मिनट हो गया तब उन्होंने एंबुलेंस की खिड़की तोड़ने की कोशिश की. लेकिन इस दौरान वहां मौजूद कर्मचारियों ने ऐसा करने से मना कर दिया. जब काफी मशक्कत के बाद एंबुलेंस का दरवाजा नहीं खुला तब वह खिड़की से बाहर निकले. बाद में चिकित्सकों ने शिशु को मृत घोषित कर दिया.

इधर एंबुलेंस सर्विस के अधिकारियों ने देर तक दरवाजा नहीं खुलने और इस वजह से शिशु की मृत्यु की घटना से इंकार किया है. राज्य में संजीवनी एक्सप्रेस सुविधा को संचालित करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआई के अधिकारी सीबु कुमार ने बताया कि आज सुबह 10.15 बजे 108 में फोन आया कि एक बच्चे को सांस लेने में तकलीफ है.

सूचना के बाद 10.18 बजे संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस रेलवे स्टेशन पहुंच गया था. कुमार ने बताया कि एंबुलेंस में मौजूद स्टाफ ने बच्चे का वाईटल्स चेक किया लेकिन किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसके बाद बच्चे को अंबेडकर अस्पताल लाया गया. लेकिन अस्पताल पहुंचने पर कुछ तकनीकी समस्या के कारण एंबुलेंस का दरवाजा नहीं खुला. तब बगैर देरी किए बच्ची और परिजन को खिड़की से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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