CJI दीपक मिश्रा ने दिल्ली सरकार और एलजी को बतायी हद, फैसले की प्रमुख 8 बातें

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार एवं केंद्र के बीच सत्ता की रस्साकशी पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. फैसलेमें चीफजस्टिसदीपक मिश्रा ने चुनी हुई सरकार और केंद्रशासित प्रदेशों में केंद्र के प्रतिनिधि उपराज्यपाल को उनकी हद बतायी. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली का कोई बॉस नहीं है. सबको मिल-जुलकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2018 1:37 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार एवं केंद्र के बीच सत्ता की रस्साकशी पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. फैसलेमें चीफजस्टिसदीपक मिश्रा ने चुनी हुई सरकार और केंद्रशासित प्रदेशों में केंद्र के प्रतिनिधि उपराज्यपाल को उनकी हद बतायी. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली का कोई बॉस नहीं है. सबको मिल-जुलकर काम करना होगा. एलजी को मंत्रिपरिषद की मदद और सलाह से ही काम करना होगा. पढ़ें, चीफ जस्टिस के फैसले की खास बातें :

1. उपराज्यपाल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं.

2. एलजी को मंत्रिपरिषद की मदद और सलाह पर काम करना होगा.

3. उपराज्यपाल अवरोधक के तौर पर कार्य नहीं कर सकते.

4. मंत्रिपरिषद के सभी फैसले से उपराज्यपाल को निश्चित रूप से अवगत कराया जाना चाहिए, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि इसमें उपराज्यपाल की सहमति आवश्यक है.

5. लोकतंत्र में न तो निरंकुशता के लिए जगह है, न ही अराजकता के लिए.

6. उपराज्यपाल को स्वतंत्र अधिकार नहीं सौंपे गये हैं. वह सामान्य तौर पर नहीं, बल्कि सिर्फ अपवाद मामलों में मतभेद वाले मुद्दों को ही राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं.

7. उपराज्यपाल को मंत्रिपरिषद के साथ सौहार्दपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए और मतभेदों को विचार-विमर्श के साथ सुलझाने का प्रयास करना चाहिए.

8. उपराज्यपाल को महसूस करना चाहिए कि मंत्रिपरिषद ही जनता के प्रति जवाबदेह है.