मरने से 9 दिन पहले सुनंदा ने थरूर को किया था मेल, मुझे जीने की इच्छा नहीं …

नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने शहर की एक अदालत को बताया कि सुनंदा पुष्कर ने अपनी मौत से नौ दिन पहले अपने पति शशि थरूर को एक ई – मेल लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था , मुझे जीने की कोई इच्छा नहीं .. मैं बस मौत की दुआ मांगती हूं. पुलिस ने यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 28, 2018 8:29 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने शहर की एक अदालत को बताया कि सुनंदा पुष्कर ने अपनी मौत से नौ दिन पहले अपने पति शशि थरूर को एक ई – मेल लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था , मुझे जीने की कोई इच्छा नहीं .. मैं बस मौत की दुआ मांगती हूं.

पुलिस ने यह भी कहा कि सुनंदा की मौत जहर की वजह से हुई थी और उनके कमरे से अल्प्राक्स की 27 टैबलेट भी बरामद हुई लेकिन यह साफ नहीं है कि उन्होंने कितनी गोलियां खाईं थीं. आरोप – पत्र का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को बताया कि सुनंदा के शरीर पर चोट के कुछ निशान मिले थे जो मौत होने से पहले के थे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आयी.

पुलिस ने दावा किया कि आठ जनवरी 2014 को थरूर को भेजे एक ई – मेल में उन्होंने लिखा , मुझमें जीने की इच्छा नहीं है .. मैं बस मौत की दुआ कर रही हूं. पुलिस ने अदालत से कहा कि सुनंदा के मेल और सोशल मीडिया के संदेशों को मृत्यु से पहले दिए गए बयान की तरह माना जाना चाहिए.

अदालत ने कहा कि सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपी के तौर पर तलब करने के सवाल पर वह पांच जून को अपना आदेश सुनाएगी. विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 113 ए का संदर्भ देते हुए कहा , ऐसा माना जा सकता है कि अगर उन्होंने आत्महत्या की है तो मौत से पहले जरूर उनके साथ निर्ममता बरती गई होगी.

अदालत इस तथ्य का संज्ञान ले सकती है कि यह मामला उकसावे का है क्योंकि मौत शादी के सात साल के भीतर हुई है और कानून के तहत यह उकसावे का एक मामला बनता है. कानून की धारा 113 ए के तहत एक अदालत , मामले की सभी परीस्थितियों को देखते हुए यह मान सकती है कि अगर किसी महिला ने शादी के सात साल के भीतर आत्महत्या की है तो उसे , आत्महत्या के लिए उसके पति या पति के किसी रिश्तेदार ने उकसाया है.

सुनंदा के साथ निर्ममता हुई यह दिखाने के लिए उन्होंने थरूर पर बीमार पत्नी का ख्याल न रखने का भी आरोप लगाया जो तेज बुखार से ग्रस्त थीं. श्रीवास्तव ने कहा कि सुनंदा कविताएं लिखा करती थीं जिसकी विषयवस्तु दिखाती है कि उनके साथ सब ठीक नहीं था.

दिल्ली पुलिस ने 14 मई को तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप लगाया था. दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि थरूर को साढ़े चार साल पुराने मामले में आरोपी के तौर पर तलब किया जाना चाहिये। उसने दावा किया कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं.

दिल्ली पुलिस ने तकरीबन 3000 पन्नों के आरोप पत्र में थरूर को एकमात्र आरोपी के तौर पर नामजद किया है. पुलिस ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ क्रूरता की. थरूर के घरेलू नौकर नारायण सिंह को मामले में एक महत्वपूर्ण गवाह बनाया गया है। सुनंदा 17 जनवरी , 2014 को राष्ट्रीय राजधानी के एक होटल में मृत पायी गई थीं. कांग्रेस नेता पर आईपीसी की धारा 498 ए (क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के आरोप लगाए गए हैं.

धारा 498 ए के तहत अधिकतम तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान है जबकि धारा 306 के तहत अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है. दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी 2015 को आईपीसी की धारा 302 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. थरूर को इस मामले में अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.

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