अमिताभ बच्चन ने कहा, हम अंग्रेजों की प्रभा के गुलाम, क्यों बुझाते हैं कैंडिल…

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने आज अपने पिता कवि हरिवंश राय बच्चन की एक कविता शेयर की और जन्मदिन मनाने के तरीकों पर सवाल उठाया है. अमिताभ बच्चन ने ट्‌वीट किया है- अंग्रेज हमारे देश में Happy Birthday की प्रथा छोड़ गये हैं और हम अभी भी उसके ग़ुलाम हैं ! ये cake क्यूं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 24, 2018 4:53 PM

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने आज अपने पिता कवि हरिवंश राय बच्चन की एक कविता शेयर की और जन्मदिन मनाने के तरीकों पर सवाल उठाया है.

अमिताभ बच्चन ने ट्‌वीट किया है- अंग्रेज हमारे देश में Happy Birthday की प्रथा छोड़ गये हैं और हम अभी भी उसके ग़ुलाम हैं ! ये cake क्यूं ? ये candle क्यूं ? ये फूंक कर बुझाना क्यूं ? हमारी सभ्यता में दीप प्रज्ज्वलित करते हैं ; ये उसे फूंक कर बुझाने को कहते हैं ! और ये गाना क्यूं ! ये गाइए : वर्ष नव, हर्ष नव …
T 2815 –
वर्ष नव,
हर्ष नव,
जीवन उत्कर्ष नव।
नव उमंग,
नव तरंग,
जीवन का नव प्रसंग।
नवल चाह,
नवल राह,
जीवन का नव प्रवाह।
गीत नवल,
प्रीत नवल,
जीवन की रीति नवल,
जीवन की नीति नवल,
जीवन की जीत नवल!
HRBRs

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