गुजराती भाषा के साहित्यकार शीतांशु यशचंद्र को मिलेगा सरस्वती सम्मान

नयी दिल्ली : गुजराती भाषा के प्रमुख कवि, नाटककार एवं विद्वान शीतांशु यशचंद्र को 27वां सरस्वती सम्मान दिये जाने की घोषणा 27 अप्रैल की गयी. सरस्वती पुरस्कारों की घोषणा लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष सी कश्यप की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय चयन समिति ने उनकी कविता पुस्तक ‘बखार’ के लिए वर्ष 2017 का सरस्वती […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 30, 2018 10:43 PM

नयी दिल्ली : गुजराती भाषा के प्रमुख कवि, नाटककार एवं विद्वान शीतांशु यशचंद्र को 27वां सरस्वती सम्मान दिये जाने की घोषणा 27 अप्रैल की गयी. सरस्वती पुरस्कारों की घोषणा लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष सी कश्यप की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय चयन समिति ने उनकी कविता पुस्तक ‘बखार’ के लिए वर्ष 2017 का सरस्वती सम्मान से सम्मानित किये जाने का फैसला किया है. सरस्वती पुरस्कार में यशचंद्र को 15 लाख रुपये की राशि, एक ताम्रपत्र एवं एक प्रशस्त्रि पत्र प्रदान किया जायेगा.

केके बिडला फांउडेशन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, गुजरात के भुज में 1941 में जन्मे शीतांशु यशचंद्र को यह पुरस्कार भारतीय भाषाओं के साहित्य में प्रमुख योगदान के देखते हुए प्रदान किया जाता रहा है. शीतांशु को यह सम्मान उनके काव्य संग्रह के लिए प्रदान किया जा रहा है, जो वर्ष 2009 में प्रकाशित हुआ था. भारत सरकार ने वर्ष 2006 में उन्हें पद्म श्री से वर्ष 1998 में कवि सम्मान एवं वर्ष 1996 में राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

शीतांशु यशचंद्र को गुजराती भाषा के महान नाटककार एवं कुशल अनुवाद के रूप में जाना जाता है. उन्होंने अब तक तीन कविता संग्रह, 10 नाटक और आलोचना की तीन पुस्तकों की रचना की है. वर्ष 1987 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी प्रदान किया गया था. साहित्य के क्षेत्र में शीतांशु यशचंद्र ने अहम योगदान दिया है, जिसको ध्यान में रखते हुए वर्ष 2018 के सरस्वती सम्मान हेतु उनका चयन किया गया है.

सरस्वती सम्मान की स्थापना वर्ष 1991 में हुई थी. यह पुरस्कार सर्वप्रथम हिंदी के महान कवि हरिवंश राय बच्चन को प्रदान किया गया था. अब तक इस पुरस्कार को प्राप्त करने वालों में विजय तेंदुलकर, सुनील गंगोपाध्याय, एम विरप्पा मोइली, गोविंद मिश्र, जैसे प्रमुख लोग शामिल हैं. सरस्वती सम्मान के अंतर्गत एक शाल, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न और पंद्रह लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाती है.

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