UPSC टाॅपर पर त्रिपुरा के CM ने उठाये सवाल, कहा-एमई Background वाले सिविल सेवाओं में न आयें

अगरतला : कुछ दिन पहले पूर्व विश्व सुंदरी डायना हेडेन को लेकर अपनी टिप्पणी से विवाद उत्पन्न करनेवाले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने अब कहा है कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमिवाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए. देब ने प्रज्ञा भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमिवाले लोगों को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 28, 2018 9:12 PM

अगरतला : कुछ दिन पहले पूर्व विश्व सुंदरी डायना हेडेन को लेकर अपनी टिप्पणी से विवाद उत्पन्न करनेवाले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने अब कहा है कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमिवाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए.

देब ने प्रज्ञा भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमिवाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए. समाज का निर्माण करना है. इंजीनियरों के पास यह ज्ञान है. जो लोग प्रशासन में हैं उनको समाज का निर्माण करना है.’ उन्होंने कहा कि पहले कला स्नातक सिविल सेवा परीक्षा में बैठते थे और अब मेडिकल और इंजीनियरिंग स्नातक सेवा में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिविल सेवा अधिकारी हरफनमौला होने चाहिए क्योंकि ‘सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सबसे अधिक मांग है. ‘देब ने गत गुरुवार को डायना हेडेन को 1997 में विश्व सुंदरी का खिताब दिये जाने पर सवाल उठाया था और आरोप लगाया था कि अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता एक ढोंग है.

ज्ञात हो (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा-2017 के नतीजों में दुरिशेट्टी अनुदीप ने देश भर में टॉप किया है. तेलंगाना के मेतपल्ली के रहनेवाले अनुदीप इस वक्त हैदराबाद में सहायक आयुक्त के पद पर तैनात हैं. अनुदीप का सिविल सेवा परीक्षा में ऐच्छिक विषय मानव-विज्ञान (एंथ्रोपोलॉजी) था. उन्होंने राजस्थान के बिट्स पिलानी से इलेक्ट्रॉनिक एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में बीई किया है. उन्होंने ओबीसी अभ्यर्थी के तौर पर यूपीएससी की परीक्षा दी थी. अनुदीप साल 2011 में बिट्स पिलानी से ग्रेजुएट हुए और यूपीएसएसी की परीक्षा देनी शुरू की. साल 2013 की यूपीएससी परीक्षा में इन्हें 790वीं रैंक मिली थी. इसके बाद फिर से कोशिश की और अब देश भर में टॉप किया है. 28 साल के अनुदीप ने दो साल आईआरएस अधिकारी के रूप में काम किया, जिन्होंने पिछले साल 18 जून को आयोजित यूपीएससी की प्री परीक्षा में पहला रैंक प्राप्त किया था.

आईआरएस से आईएएस तक के सफर के बारे में अनुदीप ने कहा, ‘यह मेरा पांचवां प्रयास है. मैं पिछले तीन बार में फेल हो चुका हूं. यूपीएससी का सफर मेरे लिए आसान नहीं था. अब अपनी इस उपलब्धि पर काफी खुश हूं. मैं उनलोगों का दिल से शुक्रगुजार हूं जिन्होंने हर परिस्थितियों में मेरी मदद की.’

Next Article

Exit mobile version