सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला अपने मित्र डेसमंड के साथ परिणय सूत्र में बंधीं
कोडईकनाल (तमिलनाडु) : मणिपुर की नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने लंबे समय से अपने मित्र रहे ब्रितानी नागरिक डेसमंड कुटिन्हो से गुरुवारको यहां सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह कर लिया. सब-रजिस्ट्रार राधाकृष्णन की उपस्थिति में विवाह संपन्न हुआ, कुटिन्हो ने शर्मिला को अंगूठी पहनायी. यह एक बेहद सादा समारोह […]
कोडईकनाल (तमिलनाडु) : मणिपुर की नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने लंबे समय से अपने मित्र रहे ब्रितानी नागरिक डेसमंड कुटिन्हो से गुरुवारको यहां सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह कर लिया. सब-रजिस्ट्रार राधाकृष्णन की उपस्थिति में विवाह संपन्न हुआ, कुटिन्हो ने शर्मिला को अंगूठी पहनायी. यह एक बेहद सादा समारोह था और इस दौरान वहां दूल्हा-दुल्हन के परिवार के सदस्य मौजूद नहीं थे. इससे पहले युगल ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह किया था.
अंतर-धार्मिक विवाह होने के कारण सब-रजिस्ट्रार ने उन्हें विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण कराने के लिए कहा था. शर्मिला ने संवाददाताओं को बताया कि कोडईकनाल एक शांतिपूर्ण स्थान है और शांति के लिए उनकी तलाश यहां आकर खत्म हो गयी. सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि वह कोडईकनाल पर्वतीय क्षेत्र में आदिवासियों के कल्याण के लिये अपनी आवाज उठायेंगी. विवाह को लेकर वी महेंद्रन नामक एक स्थानीय कार्यकर्ता ने आपत्ति जतायी थी. उसने दलील दी कि दंपती के पर्वतीय क्षेत्र में रहने से इलाके के आदिवासियों को कानूनी एवं अन्य तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.
बहरहाल, सब-रजिस्ट्रार ने इस आपत्ति को खारिज करते हुए कुटिन्हो के साथ शर्मिला के विवाह का रास्ता साफ कर दिया. दंपती ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण के लिए 12 जुलाई को अपना आवेदन जमा किया था और किसी को आपत्ति होने की स्थिति में सब रजिस्ट्रार ने 30 दिन के अंदर इस पर आपत्तियां मंगायी थी. बहरहाल, शर्मिला-कुटिन्हो के विवाह के समर्थन में पलानी मलाई पुलैयां एवं पालियार समेत इलाके के आदिवासियों के एक समूह ने सब रजिस्ट्रार को एक ज्ञापन सौंपा था. मणिपुर विधानसभा चुनावों में अपनी हार के बाद शर्मिला ने कुटिन्हो के साथ पर्वतीय शहर का रुख किया था. विधानसभा चुनाव में शर्मिला की पार्टी ‘पीपुल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस अलायंस’ बुरी तरह से हार गयी थी.