बाघ के हमले से अभी भी डरे हैं ग्रामीण, बाघ का लोकेशन ले रहे वनकर्मी
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के रघिया जंगल के किनारे स्थित आधा दर्जन गांवों में बाघ के हमले का भय दूसरे दिन भी कायम रहा.
रामनगर. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के रघिया जंगल के किनारे स्थित आधा दर्जन गांवों में बाघ के हमले का भय दूसरे दिन भी कायम रहा. इस वजह से एक तरफ जहां लोग खेत में जाने से बचे. वही दूसरी तरफ रेंजर संजीव कुमार के नेतृत्व में वनकर्मी बाघ के ताजा गतिविधियों को जानने में जुटे रहे. प्रतिदिन वन्यजीवों के बीच जीने की आदत डाल चुके लोगों की आंखें डरी रही. रेस्क्यू दल के अनुसार हमलावर बाघ जंगल के भीतर जा चुका है. फिर भी ताजा घटना होने से लोग खेत की ओर जाने से बचते रहे. नतीजतन घटना के कारण दोन जाने वाले लोगों की संख्या पहले की अपेक्षा कम हो गयी. डुमरी चेक पोस्ट के पास हुई घटना को लेकर लोग भयभीत होकर उस रास्ते को तय करने से डर गए. लोगों ने एक दूसरे को बचकर निकलने की नसीहत दी. वरना बीते दिनों मंचगवा पंचायत के खैरहनी गांव में मथुरा महतो की मौत की कहानी फिर लिखी जाएगी. इसका असर डुमरी के आसपास स्थित डमरापुर, सिंगाही, बगही, सखुआनी आदि गांवों में देखने को मिला.
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