आदि कर्मयोगी अभियान से जनजातीय शासन तंत्र होगा मजबूत: डीसी
आदि कर्मयोगी अभियान से जनजातीय शासन तंत्र होगा मजबूत: डीसी
संवाददाता, पाकुड़. डीसी मनीष कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्मयोगी अभियान की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आदि कर्मयोगी अभियान का आयोजन जनजातीय शासन तंत्र को मजबूत करने, स्थानीय संस्थानों को सशक्त बनाने और अनुसूचित जनजाति समुदाय को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने प्रखंडवार जानकारी देते हुए बताया कि पाकुड़ जिले के छह प्रखंडों में लगभग 447 गांव आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत निर्धारित किए गये हैं: सदर प्रखण्ड पाकुड़ में 35 गांव, हिरणपुर में 32, लिट्टीपाड़ा में 167, अमड़ापाड़ा में 87, महेशपुर में 92 और पाकुड़िया प्रखण्ड में 34 गांव शामिल हैं.उन्होंने कहा कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई आदि कर्मयोगी एक कैडर आधारित आंदोलन है, जिसका उद्देश्य देश के जनजातीय क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शासन और सेवा वितरण को बेहतर बनाना है. पाकुड़ जिले के छह प्रखंडों में 400 से अधिक आदिवासी बहुल गांवों में काम करके चार लाख से अधिक आदिवासी नागरिकों का उत्थान किया जाएगा. इस अभियान में सेवारत और पूर्व सरकारी अधिकारी, युवा नेता, शिक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, पारंपरिक ज्ञान धारक और स्वयंसेवक शामिल हैं, जो आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा देंगे. इस अभियान के तहत अक्टूबर 2025 तक सभी गांवों में विजन 2030 तैयार किया जाना है. भारत सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक पंचायत भवन में आदि सेवा केन्द्र और एकल खिड़की सेवा केन्द्र स्थापित किए जाएं, साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, डब्ल्यूसीडी, पंचायती राज, जनजातीय मामले एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ बहु विभागीय अभिसरण सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान एक बहुआयामी अभियान है, जिसमें सभी की भागीदारी आवश्यक है.
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