प्रधान मौलवी को नहीं मिला प्रभार, चतुर्थ वर्गीय कर्मी के भरोसे मदरसा नूरुल होदा

साहिबगंज साहिबगंज जिले के बोरियो प्रखंड मुख्यालय स्थित मदरसा नूरुल होदा की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी है. मदरसा की जिम्मेदारी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के भरोसे चल

By ABDHESH SINGH | November 24, 2025 7:57 PM

साहिबगंज साहिबगंज जिले के बोरियो प्रखंड मुख्यालय स्थित मदरसा नूरुल होदा की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी है. मदरसा की जिम्मेदारी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के भरोसे चल रही है, जबकि विभाग की अनुशंसा पर प्रतिनियोजित प्रधान मौलवी को अभी तक प्रभार तक नहीं मिला है. तीन-तीन विभागीय आदेश के बावजूद प्रधान मौलवी की बात किसी स्तर पर नहीं सुनी जा रही. वे मदरसा में उपस्थित तो रहते हैं, परंतु काम कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं और वेतन बेवजह उठ रहा है. इधर, हाफिज विभागीय आदेशों की अनदेखी करते हुए स्वयं को प्रधान मौलवी घोषित किए हुए है. विभाग ने उनके वेतन का भुगतान रोकने का निर्देश दिया था, पर यह आदेश कागजों तक ही सीमित दिखाई देता है. जांच में यह भी सामने आया कि हाफिज 2 नवंबर से लगभग 20 दिनों तक बिना सूचना मदरसा से गायब था, लौटने पर उसने रजिस्टर में अपनी उपस्थिति भी दर्ज कर दी. जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जांच में यह लापरवाही प्रमाणित भी हुई थी. स्थिति यह है कि 234 नामांकित बच्चों में प्रतिदिन 20–25 बच्चे ही आते हैं, वह भी केवल मिड-डे मील के लिए. कई बच्चे तो 5 वर्ष से भी कम उम्र के हैं, जिन्हें आंगनबाड़ी में होना चाहिए. नियमों के विरुद्ध एमडीएम का संचालन जारी है, जबकि मदरसा में सचिव तक नियुक्त नहीं है. आरोप है कि बच्चों की कम उपस्थिति के बावजूद फर्जी उपस्थिति दिखाकर एमडीएम का लाभ लिया जा रहा है. फल और अंडा जैसे पोषक तत्व बच्चों को नहीं दिए जा रहे. प्रबंधन, राजनीति और गुटबंदी के चलते मदरसा की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, लेकिन विभागीय स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई है. क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधीक्षक नुरुल होदा मदरसा के एमडीएम के संबंध में शिकायत मिली है, इसके जांच के आदेश दिए गए हैं, जांच रिपोर्ट आते हैं इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जायेगी. कुमार हर्ष, जिला शिक्षा अधीक्षक

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