कल के विरोधी, आज के भक्त, नेताजी की जीत ने बदलवा दिए कई राजनीतिक चश्मे

जीत के उजाले की तरफ भागे पहले से अलग-थलग रहे लोग, नेताजी की मुस्कान बता रही, सब पता है ललितांशु, मुजफ्फरपुर चुनावी परिणाम के बाद मुजफ्फरपुर की राजनीति में इन

By LALITANSOO | November 16, 2025 7:30 PM

जीत के उजाले की तरफ भागे पहले से अलग-थलग रहे लोग, नेताजी की मुस्कान बता रही, सब पता है

ललितांशु, मुजफ्फरपुर

चुनावी परिणाम के बाद मुजफ्फरपुर की राजनीति में इन दिनों एक नया ट्रेनिंग कोर्स बड़ी तेजी से चल रहा है, जिसका नाम है तत्काल वफादार कैसे बनें. इलाके के सभी विधानसभा क्षेत्रों में नेताजी की धमाकेदार जीत के बाद, जो नजारा देखने को मिल रहा है, वो किसी फिल्मी क्लाइमेक्स से कम नहीं है. कल तक जो लोग नेताजी के नाम पर नाक-भौं सिकोड़ते थे, उनके विरोध में खड़े थे, आज वही लोग कह रहे है, नेताजी के विचारों में दूरदृष्टि है, हम तो हमेशा से कहते थे, इनकी जीत निश्चित है.

फोटो फ्रेम पॉलिटिक्स का नया दौर

सबसे ज्यादा मारामारी फोटो फ्रेम में शामिल होने की है. जिला मुख्यालय से लेकर गांव की चौपाल तक, हर कोई विजयी नेताजी के इतने करीब खड़ा होना चाहता है कि फोटो में उनकी शॉल का किनारा भी छू ले, पार्टी के एक पुराने समर्थक ने चुटकी लेते हुए कहा, जो चुनाव से ठीक पहले तक विरोधी खेमे का प्रचारक था, वह नेताजी के साथ नजर आया, जब चाय की दुकान पर दूसरे गुट ने अचानक प्रेम का कारण पूछा, तो उनका जवाब था, अरे भाई हम तो पार्टी लाइन पर थे, पर दिल से तो हम हमेशा नेताजी को ही चाहते थे, राजनीति में थोड़ा स्ट्रेटेजिक डिस्टेंस रखना पड़ता है, क्या करें.

पाला बदलने की दर में ऐतिहासिक उछाल

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मुजफ्फरपुर में इस बार पाला बदलने की दर ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. जिस तरह से मच्छर लाइट की तरफ भागता है, उसी गति से नेताजी की जीत के उजाले की तरफ पहले से अलग-थलग रहे लोग भाग रहे है. अब नेताजी भी इन सारे नवनिर्मित भक्तों से खुशी-खुशी मिल रहे है. उनकी मुस्कान बता रही है कि उन्हें सब पता है.

मंत्री पद का गणित, बधाई देने वाले समर्थकों का एडवांस बुकिंग प्लान

विधायक जी के घर के बाहर लगी बधाई-लाइन देखकर लगता है, यह सामान्य जीत नहीं, बल्कि भविष्य की मंत्री-मंडलीय बैठक की एडवांस बुकिंग है. समर्थकों में बेचैनी है कि बिहार में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता, कल विधायक मंत्री बन गए, तो उनका नंबर कहां लगेगा? इसलिए हर कोई कैमरे में, मिठाई के डिब्बे के साथ, इस बात की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है कि जब सिर्फ नेताजी छोटे थे, तब हम उनके साथ थे.

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