kaimur News : काम कराने की जरूरत नहीं, 10 परसेंट दीजिये और ले जाइए पक्का बिल

भभुआ नगर. विद्यालय में बिजली का कार्य कराने की कोई जरूरत नहीं है़ बिना कार्य कराये व सामग्री की खरीदारी किये बिना भी पूरी राशि की 10 प्रतिशत ज्ञान गंगा

By PANCHDEV KUMAR | September 3, 2025 9:31 PM

भभुआ नगर. विद्यालय में बिजली का कार्य कराने की कोई जरूरत नहीं है़ बिना कार्य कराये व सामग्री की खरीदारी किये बिना भी पूरी राशि की 10 प्रतिशत ज्ञान गंगा इंटरप्राइजेज को दीजिये आपको जीएसटी के साथ पक्का बिल मिल जायेगा़ साथ ही शिक्षा विभाग कार्यालय से कहकर राशि भुगतान करते हुए बिल भी पास हो जायेगा. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि प्रधानाध्यापकों की शिकायत पर प्रभात खबर संवाददाता ने जब इसकी पड़ताल की, तो मामला सही निकाला. दरअसल नाम नहीं छापने के शर्त पर कई प्रधानाध्यापकों द्वारा प्रभात खबर संवाददाता को फोन कर बताया कि उनके मोबाइल पर 8448069692 नंबर से फोन आ रहा है कि आपके विद्यालय में विद्यालय विकास की राशि, मशाल प्रतियोगिता की राशि एवं इलेक्ट्रिसिटी के लिए राशि दी गयी है, तो ज्ञान गंगा इंटरप्राइजेज से बिल ले जाइये़ कमीशन काट कर बाकी राशि का भुगतान कर दिया जायेगा. शिक्षा विभाग कार्यालय से भी उपयोगिता प्रमाणपत्र मेरी दुकान का बिल रहेगा, तो पास हो जायेगा. इधर, प्रधानाध्यापकों की शिकायत पर जब प्रभात खबर संवाददाता ने उपलब्ध कराये गये उक्त मोबाइल नंबर पर फोन किया, तो फोन रिसीव होते ही बोला गया कि मैं ज्ञान इंटरप्राइजेज से साक्षी बोल रही हूं, सुप्रभात! आप कौन बोल रहे हैं, इस पर प्रभात खबर संवाददाता द्वारा बोला गया कि मैं एक विद्यालय का प्रधानाध्यापक बोल रहा हूं, मेरे विद्यालय में राशि आयी है़. फिर पूछा गया किस मद की राशि आयी है? इलेक्ट्रिसिटी का राशि गयी होगी, तो पूरी राशि का मैं पक्की बिल दे दूंगी. बदले में 10 प्रतिशत देना होगा. मेरी दुकान का बिल रहेगा, तो विभाग से भी आसानी से पास हो जायेगा. केवल सादे पन्ने पर लिखकर दीजिए की किन-किन सामग्री का बिल चाहिए. रसीद दे दी जायेगी. संवाददाता द्वारा जब दुकान का पता पूछा गया, तो फोन रिसीव करने वाली महिला ने बताया कि उनकी दुकान न्यू बस स्टैंड पूरब पोखरा के पास है और इसके प्रोपराइटर रहमान सर हैं. यानी मिल-जुल कर कहा जाये, तो विद्यालयों में विकास के लिए भेजी गयी राशि की लूट किस तरह से हो रही है, यह सामने आ गया. अगर इसकी टीम बनाकर गंभीरता से जांच की जाये, तो करोड़ों रुपये की हेराफेरी किये जाने का मामला सामने आ सकता है. संभवत: कई विद्यालयों के बिल भुगतान के लिए जमा हो गये होंगे और विद्यालय में इलेक्ट्रिसिटी का कोई काम नहीं हुआ रह सकता है. क्या कहते हैं अधिकारी इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विकास कुमार डीएन ने कहा कि इस तरह से मार्केट से कई दुकानदार फोन कर रहे हैं. प्रधानाध्यापक जहां ब्रांडेड चीज कम राशि पर मिले वहां से खरीदारी करें, विभाग द्वारा कोई दुकान आवंटित नहीं किया गया है. अगर कार्य कराये बिना राशि की निकासी की जाती है, तो संबंधित प्रधानाध्यापक पर निलंबन की कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है