किसानों ने मखाना की खेती में आ रही कठिनाईयों से डीएम को कराया अवगत
किसानों ने मखाना की खेती में आ रही कठिनाईयों से डीएम को कराया अवगत
– जैविक विधि से मखाना की खेती करने पर डीएम ने दिया बल – कहा रसायन एवं कीटनाशक का प्रयोग कम करने से बनी रहेगी मखाना की गुणवत्ता – गुणवत्तायुक्त मखाना से किसानों को मिलेगा बाजार मूल्य बेहतर कटिहार कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण कटिहार एवं आईटीसी के संयुक्त तत्वावधान में मखाना विकास, मखाना किसान गोष्ठी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को विकास भवन के सभागार में किया गया. कार्यक्रम का उदघाटन जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा, उपविकास आयुक्त व जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. कार्यक्रम के तहत जिले के सभी सोलह प्रखंडों से कुल 170 प्रगतिशील किसान, जिला स्तरीय पदाधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया. कार्यक्रम का मुख्य मखाना क्षेत्र विस्तार कृषकों के प्रक्षेत्र पर किस प्रकार की समस्या आ रही है. इस खेती को कैसे सरल तरीके से किया जा सके एवं मखाना का मूल्य सवंर्द्धन कर किसान अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके. इसके लिए मखाना उत्पादन करने वाले प्रगतिशील कृषक, वैज्ञानिक एवं पदाधिकारी एक साथ बैठ कर चचा करें. उनका समाधान किया जा सके. जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने किसानों से कहा कि जैविक विधि से मखाना की खेती करें रसायन एवं कीटनाशक का प्रयोग कम से कम करें. जिससे मखाना की गुणवत्ता बनी रहेगी. गुणवत्तायुक्त मखाना का बाजार मूल्य अच्छा प्राप्त हो सकेगा. मखाना की खेती निचली भूमि एवं अनउपयोगी भूमि में करें जहां पानी का जमाव रहता हो साथ ही कृषकों को वैज्ञानिक एवं तकनीकी विधि से खेती करने के लिए निर्देश दिया गया. ताकि उत्पाद एवं उत्पादकता की वृद्धि हो सके. जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने किसानों से मखाना की खेती में हो रही कठिनाईयायें के बारे में जाना. इस कड़ी में विभिन्न किसानों द्वारा मखाना की खेती में हो रही समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा गया कि मखाना ककी हार्वेस्टिंग एक बड़ी चुनौती है. हावेस्टिंग के लिए कुशल मजदूर का काफी अभाव है. अगर मखाना की हावेस्टिंग के लिए कोई यंत्र उपलब्ध कराया जाता है ताे काफी सुगमता होगी. खेती प्रणाली से मखाना की खेती के लिए सिंचाई की भरपूर आवश्यकता होती है. डीजल पंप सेट से सिंचाई करने में काफी लागत लग जाती है. अगर सिंचाई के लिए सोलर पंप की व्यवस्था कर दिया जाये तो लागत कम हो सकेगा. इस दौरान किसानों ने बताया कि मखाना की खेती में कीटनाशक एवं उर्वक का छिड़काव करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खेत पूरी तरह से कांटो से भरा रहता है. उचित मूल्य एवं सुविधापूर्ण तरीके से ड्रोन के द्वारा छिड़काव करने की व्यवस्था किया जाये, गुणवत्तापूर्ण फोड़ी मशीन को यांत्रिकरण योजना में दिया जाये तो कम लागत एवं कम समय में लावा तैयार किया जा सकेगा. मखाना स्टोरेज की व्यवस्था की मांग किसानों ने जिलाधिकारी से आग्रह किया कि मखाना के स्टोर करने के लिए यदि स्टोरेज की व्यवस्था कर दी जाती है तो किसान अपने मखाना का स्टॉक कर सकेंगे एवं समय समय पर उचित मूल्य प्राप्त कर सकेंगे. किसानों को जिलाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा आश्वस्त किया गया कि मखाना की हावेस्टिंग मशीनीकरण को वैज्ञानिक द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है. मखाना फोड़ी मशीन को यांत्रिकरण योजना में अधिक लक्ष्य प्राप्त हो इसके लिए निदेशालय स्तर पर बात की जा रही है. रसायन एवं कीटनाशक के छिड़काव के लिए पौधा संरक्षण, इफको द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. कुछ मखाना किसानों द्वारा भाडे़े पर ड्रोन दिया जा रहा है. अन्य सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए सम्बंधित पदाधिकारी को दिशा निर्देश दिया गया है. ताकि एक जिला एक उत्पाद के रूप में शामिल मखाना को नई ऊंचाई तक पहुंचाया जा सके. किसानों को अधिक लाभ हो, कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी द्वारा मखाना टूलकिट का विमोचन किया गया.
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