सिकंदरपुर मन के बाद अब फरदो नहर पर बनेगा एसटीपी, केंद्र ने दी 77.40 करोड़ रुपये

After Sikandarpur Man, now STP will be built on Fardo Canal.

By Devesh Kumar | September 25, 2025 9:12 PM

:: नई एसटीपी से जल प्रदूषण पर लगेगी लगाम, कांटी के एनटीपीसी तक को एसटीपी के बाद पानी का होगा सप्लाई

मुजफ्फरपुर को मिली बड़ी सौगात : नमामि गंगे मिशन टू के तहत 77.40 करोड़ की एसटीपी परियोजना स्वीकृत

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ राजभूषण चौधरी की पहल अब मुजफ्फरपुर शहर में रंग लाने लगी है. शहर को सीवेज प्रबंधन यानी नाले के गंदे पानी की सफाई के लिए एक और बड़ा तोहफा मिला है. केंद्र सरकार ने स्वच्छता और नदी प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नमामि गंगे मिशन-II के तहत मुजफ्फरपुर के लिए 77.40 करोड़ की महत्वपूर्ण इंटरसेप्शन और डाइवर्जन (आई एंड डी) एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) योजना को प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है. यह परियोजना 100 फीसदी केंद्रीय सहायता प्राप्त है और मुजफ्फरपुर की सीवेज प्रबंधन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा, जिसका सीधा असर बूढ़ी गंडक नदी और उसकी सहायक नदी एवं नहर की स्वच्छता पर पड़ेगा.

बॉक्स ::: परियोजना की मुख्य बातें

घटकविवरण

एसटीपी क्षमता : 16 मिलियन लीटर प्रतिदिन क्षमता का नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट. पम्पिंग स्टेशन :16 एमएलडी क्षमता का मुख्य पम्पिंग स्टेशन (एमपीएस) का निर्माण.

वित्तीय आवंटन : 77.40 करोड़ (49 करोड़ पूंजीगत व्यय और अगले 15 वर्षों के संचालन व रखरखाव के लिए 28.40 करोड़ मिलेगा. अन्य कार्य : आई एंड डी संरचना : 50 मीटर लंबी राइजिंग मेन लाइन बिछाना.

रखरखाव : 15 वर्षों तक प्लांट का संचालन और रखरखाव (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) सुनिश्चित.

किसानों को मिलेगा साफ पानी, एनटीपीसी को भी होगी सप्लाई

मुजफ्फरपुर शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिकंदरपुर मन किनारे पुलिस लाइन के समीप दाउदपुर कोठी में एक एसटीपी पहले ही बना है. यह नया एसटीपी फरदो नहर के गंदे पानी की सफाई के लिए नहर के इंड प्वाइंट के समीप बनेगा. इस प्लांट के शुरू होने के बाद, सफाई किये गये पानी का उपयोग किसान कृषि कार्यों में कर सकेंगे.भविष्य में इस एसटीपी से साफ किये गये पानी की सप्लाई कांटी के एनटीपीसी को भी करने की योजना है, जिससे पानी के सदुपयोग और संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा. यह पहल शहर के सीवेज को नदियों में जाने से रोकेगी और साफ किये गये पानी के पुन: उपयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी.

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