आज लोकतंत्र के रखवाले तय करेंगे 61 प्रत्याशियों की किस्मत
अररिया. इस बार एसआइआर के बाद वोटर कम हुये हैं, जिले में यह तो आंकड़ा नहीं मिल पाया है कि कितने वोट कम हुये हैं, लेकिन हम अगर लोकसभा
अररिया. इस बार एसआइआर के बाद वोटर कम हुये हैं, जिले में यह तो आंकड़ा नहीं मिल पाया है कि कितने वोट कम हुये हैं, लेकिन हम अगर लोकसभा चुनाव के समय मतदाताओं की तुलना वर्तमान विधानसभा चुनाव के मतदाताओं की संख्या से करते हैं तो लगभग 28 हजार 691 वोटर कम हुए हैं. हालांकि यह वोटर एसआइआर के कारण घटे हैं या कारण कुछ ओर है, यह तो समय ही तय करेगा. बहरहाल 2020 के विधानसभा चुनाव में वोटरों ने पिछले 15 वर्षों का रिकार्ड तोड़ा था, पूरे लोकसभा क्षेत्र में लगभग 65.19 प्रतिशत वोट कास्ट किये गये थे. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने 62.80 प्रतिशत मतदान हुए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव की तुलना में यह मत प्रतिशत कम था. हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर प्रशासन के द्वारा कई प्रकार के जागरूकता अभियान चलाये गये हैं. नतीजा मतदान प्रतिशत पुन: बढ़ने के आसार हैं.
2020 के विस चुनाव में सिकटी विधानसभा में हुई थी रिकार्ड तोड़ वोटिंग
2020 के विस चुनाव में सिकटी विधानसभा में रिकार्ड तोड़ वोटिंग हुई थी, यहां पर मतदाताओं ने 69.84 प्रतिशत मत डाले थे. इस मतदान प्रतिशत के बदौलत भाजपा प्रत्याशी को 84128 मत मिले थे, जबकि राजद के शत्रुध्न प्रसाद सुमन को 70518 मत प्राप्त हुए थे. 13610 मतों से भाजपा के विजय कुमार मंडल चुनाव जीते थे. हालांकि उस बार सिकटी में 14 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें दो यादव व तीन मुस्लिम उम्मीदवार के अलावा महादलित सहित कई जाति के उम्मीदार चुनाव मैदान में थे. इस बार मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी के अलावा यादव व मुस्लिम वोटरों को साधना भाजपा के लिए चुनौती है. यही नहीं इस बार मल्लाह व ततमा-तांती वोट में भी बिखराव की संभावना है.अररिया विस रहा था दूसरे स्थान पर हुई थी 68.53 प्रतिशत वोटिंग
2020 के चुनाव में अररिया विधानसभा दूसरे स्थान पर रहा था, यहां पर 68.53 प्रतिशत वोटिंग हुआ था, यहां से कांग्रेस के आबिदुर्रहमान चुनाव जीते थे, उनकी जीत सभी छह विधानसभा के प्रत्याशियों से सर्वाधिक रहा था. 2020 में अररिया विस क्षेत्र से 12 उम्मीदाव चुनाव लड़े थे, इस बार विस चुनाव में 10 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि नये पार्टी के रूप में जन सुराज के उम्मीदवार पहली बार मैदान में हैं. हालांकि वे किसका जोड़ गणित बिगाड़ेंगे, या मतदाताओं का मूड भाप कर बाजी मारेंगे, देखना दिलचस्प होगा. बहरहाल इस बार विस चुनाव में कांग्रेस व एनडीए के बीच टक्कर दिख रही है.रानीगंज विस रहा था तीसरे स्थान पर हुई थी 59.66 प्रतिशत वोटिंग
2020 के विस चुनाव में पिछले बार रानीगंज विधानसभा में सबसे कम वोटिंग हुआ था, यहां पर 59.66 प्रतिशत मतदान हुआ था. कम मतदान प्रतिशत के कारण प्रत्याशियों की कांटे की टक्कर हुई थी. राजद प्रत्याशी अविनाश मंगलम रानीगंज विधानसभा से 2304 वोट से जदयू के अचमित ऋषिदेव से चुनाव हारे थे. 2020 में रानीगंज विस में 12 प्रत्याशी थे, इस बार के विस चुनाव में 07 उम्मीदवार मैदान में हैं. जीत व हार का गणित निर्दलीय प्रत्याशियों के मतों पर निर्भर कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
