World Patient Safety Day 2022: विश्व रोगी सुरक्षा दिवस कल, जानिए इसके बारे में सबकुछ

World Patient Safety Day 2022: 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. यह दिवस रोगियों, परिवारों, देखभाल करने वालों, समुदायों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य देखभाल नेताओं और नीति निर्माताओं को रोगी सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए एक साथ लाता है.

By Shaurya Punj | September 16, 2022 5:03 PM

World Patient Safety Day 2022: रोगी सुरक्षा के लिए वैश्विक जागरूकता पैदा करने और लोगों से स्वास्थ्य सेवा को सुरक्षित बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाने का आग्रह करने के लिए 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस (World Patient Safety Day) मनाया जाता है. यह दिवस रोगियों, परिवारों, देखभाल करने वालों, समुदायों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य देखभाल नेताओं और नीति निर्माताओं को रोगी सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए एक साथ लाता है.

दिन का इतिहास

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस – 2019 में विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) द्वारा “रोगी सुरक्षा पर वैश्विक कार्रवाई (Global action on patient safety)” पर संकल्प WHA72.6 के माध्यम से 17 सितंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है. इसे 25 मई 2019 को 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में अपनाया गया था.

क्या है विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का उद्देश्य?

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस को माने के पीछे कुछ अहम उद्देश्य हैं. इनमें रोगी सुरक्षा की वैश्विक समझ को बढ़ाना सबसे बड़ा उद्देश्य है. इसके अलावा रोगी के स्वास्थ्य की देखभाल की सुरक्षा में सार्वजनिक सहभागिता बढ़ाने और उसकी हानि को कम करने के लिए वैश्विक कार्यों को बढ़ावा देना भी शामिल है. विश्व रोगी सुरक्षा दिवस को मनाने के पीछे वजह स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के महत्व से जुड़े तथ्य के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना भी है.

मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा में निवेश

मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा में निवेश करने से न केवल इससे होने वाले आर्थिक नुक्सान को रोका जा सकता है, बल्कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव किये जा सकते हैं. उदाहरण स्वरुप संयुक्त राज्य अमेरिका को ले लीजिये जहां 2010 से 2015 के बीच अस्पतालों में स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार करके एक वर्ष में लगभग 2,800 करोड़ अमेरिकी डॉलर की बचत की गयी थी . मरीजों की भागीदारी से न केवल बेहतर तरीके से इलाज संभव हो पाता है बल्कि इसके साथ-साथ स्वास्थ्य सुरक्षा में भी सुधार किया जा सकता है. इलाज की प्रक्रिया में मरीजों की भागीदारी जहां स्वास्थ्य को होने वाले नुक्सान को 15 फीसदी तक कम कर सकती है . वहीं इलाज पर हो रहे व्यर्थ और बेतहाशा के खर्चों को कम करके हर साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के अरबों डॉलर की बचत भी की जा सकती है.

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