Jahrila Paudha: गाजर प्रजाति का ये पौधा किलर ट्री के नाम से है प्रसिद्ध, जिसके छूने मात्र से जा सकती है जान !

World Most Poisonous Plant, Jahrila Paudha, Killer Tree, Giant Hogweed: धरती पर कई सेहतमंद आयुर्वेदिक हर्ब मौजूद है तो कुछ ऐसे पौधे भी हैं जिसे छूते ही इंसान घायल हो सकता है. ऐसे ही एक पौधे की हम बात कर रहे जो है तो गाजर प्रजाति का लेकिन इसे छूते ही आपकी जान तक जा सकती है. आइये जानते हैं इस विचित्र पौधे के बारे में साथ ही साथ जानें इसकी दवा मौजूद है या नहीं व वातावरण के लिए कैसा है यह पौधा, क्या भारत में भी है मौजूद....

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2021 1:49 PM

World Most Poisonous Plant, Jahrila Paudha, Killer Tree, Giant Hogweed: धरती पर कई सेहतमंद आयुर्वेदिक हर्ब मौजूद है तो कुछ ऐसे पौधे भी हैं जिसे छूते ही इंसान घायल हो सकता है. ऐसे ही एक पौधे की हम बात कर रहे जो है तो गाजर प्रजाति का लेकिन इसे छूते ही आपकी जान तक जा सकती है. आइये जानते हैं इस विचित्र पौधे के बारे में साथ ही साथ जानें इसकी दवा मौजूद है या नहीं व वातावरण के लिए कैसा है यह पौधा, क्या भारत में भी है मौजूद….

क्यों इसका नाम है किलर ट्री

दरअसल, इसे कुदरत का करिश्मा कहिए या कुदरत का कहर. दुनिया के कई हिस्सों में जाइंट होगवीड (Giant Hogweed) नाम का एक पौधा पाया जाता है जिसे छूते ही हाथ में बड़े-बड़े फफोले पड़ जाते है और 48 घंटे के भीतर उस व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. यही कारण है कि इस पौधे का दूसरा नाम किलर ट्री (Killer Tree) है. जिसका साइंटिफिक नाम हेरकिलम मेंटागेजिएनम है.

इसमें पाए जाने वाले इस रसायन के कारण है खतरनाक 

ये दुनिया के सबसे जहरीले पौधों में से एक है. हिंदी वेबसाइट जी न्यूज में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक जाइंट होगवीड में मौजूद सेंसआइजिंग फूरानोकौमारिंस नामक रसायन इसे इतना खतरनाक बनाता है.

पौधे की कितनी होती है लंबाई, वातावरण के लिए कैसा है

ये पौधे देखने में बहुत खुबसूरत होते है. साथ ही साथ वातावरण के लिए भी लाभदायक है. ये ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड को बैलेंस बनाने का भी काम करते है. इस मामले के जानकारों की माने तो इस पौधे की अधिकतम लंबाई 14 फिट हो सकती है.

इस पौधे से होने वाली बीमारी का अबतक कोई सटीक दवा नहीं

बड़ी बात यह है कि गाजर प्रजाति के इन पौधों का जहर इतना खतरनाक होने के बावजूद इसका अभी तक कोई सटीक दवा नहीं बन पाया है. इसे छूने के बाद ठीक होने में किसी व्यक्ति को करीब साल भर का समय भी लग सकता है या मौत भी हो सकती है.

कहां पाया जाता है यह पौधा

हालांकि, यह पौधा भारत में नहीं पाया जाता है. ज्यादातर यह पौधे न्यूयॉर्क, पेंनसेल्वेनिया, वाशिंगटन, मिशिगन, ओहियो, मेरीलैण्ड, और हेम्पशायर समेत अन्य स्थानों पर मिलता है. वैज्ञानिकों की मानें तो इसकी कटाई-छंटाई भूल कर भी दस्ताने पहने बगैर नहीं करनी चाहिए.

Posted By: Sumit Kumar Verma

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