चाय के साथ करें ये छोटे बदलाव, स्वाद और सेहत दोनों रहेंगे बरकरार, एक्सपर्ट ने दी सलाह

Tea Drinking Tips: अगर आप चाय के शौकीन हैं, तो मशहूर न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर की ये सलाह आपके लिए खास है. जानिए दिन में कितनी चाय पीना सही है, सुबह खाली पेट चाय पीने के नुकसान, शाम 4 बजे के बाद चाय क्यों छोड़नी चाहिए, और चाय के साथ क्या खाना सेहत के लिए बेहतर है. छोटे बदलाव अपनाकर स्वाद और सेहत दोनों कैसे बरकरार रख सकते हैं, यहां पढ़ें पूरी जानकारी.

By Sameer Oraon | August 13, 2025 8:51 PM

Tea Drinking Tips: जब भारतीय परिवारों में सुबह सुबह कोई उठता है तो उन्हें सबसे पहले चाय की तलब लगती है. कई लोगों के लिए यह मूड फ्रेश करने का भी जरिया रहता है. लोगों के लिए ये तरोताजा होने का पेय पदार्थ नहीं, बल्कि एक आदत, एक जुड़ाव का पल भी होता है. लेकिन जब ‘चाय पर चर्चा’ तीन-चार कप से आगे बढ़ जाए, तो रुककर सोचने का समय आ जाता है. मशहूर न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर के पास इसका जवाब है. उनका कहना है कि अगर हम खुद को एक तय मात्रा तक सीमित रखें, तो बेहतर होगा.

कौन हैं रुजुता दिवेकर

रुजुता दिवेकर एक लोकप्रिय सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट हैं, जो देसी तरीके से सेहतमंद रहने के लिए जानी जाती हैं. वह पारंपरिक भोजन, समय पर दिनचर्या और मौसमी आहार में विश्वास करती हैं. महंगे, विदेशी अनाज उनकी पसंद नहीं हैंय हाल ही में लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने उस सवाल का जवाब दिया, जो शायद कई भारतीय जानना चाहते हैं- कितनी चाय ज्यादा होती है?

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दिन में कितना चाय पीना सेहत के लिए ठीक है

रुजुता दिवेकर के मुताबिक, दिन में दो से तीन कप चाय पीना ठीक है. “अगर आप एक रूटीन वाले इंसान हैं, तो आपको दो-तीन कप से ज्यादा नहीं पीनी चाहिए.” उन्होंने न सिर्फ एक संख्या बताई, बल्कि चाय सही तरीके से पीने के लिए कुछ त्वरित टिप्स भी साझा किए.

सुबह की चाय

रुजुता दिवेकर कहती है कि सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीना खतरनाक हैं. यह पहली बार नहीं है, जब उन्होंने इस बारे में बात की हो. कई इंटरव्यू में उन्होंने बताया है कि कैफीन और सिगरेट जैसे उत्तेजक पदार्थ शरीर को “झटके” से जगा देते हैं. इससे ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और सांस लेने की दर बढ़ जाती है और शरीर तनाव महसूस करता है. दुर्भाग्यवश, हम इसे जागने का एहसास समझ लेते हैं. यह शुरुआती उछाल असली सतर्कता की बजाय तनाव बढ़ा सकता है.

दिन की शुरुआत ताजे फलों से भी कर सकते हैं

दिवेकर ने लोगों को सुझाव देते हुए कहती हैं कि अगर आप दिन की शुरुआत में हेवी नाश्ता नहीं कर पाते हैं, तो दिन की शुरुआत फल से करें. हालांकि यह ध्यान रखें कि उसमें कोई भी नमक, चीनी, चाट मसाला आदि न डालें और न ही उसे जूस में बदलें.” सुबह की रूटीन में ताजे फलों को शामिल करने से ब्लड शुगर संतुलित रखने, पाचन में सुधार और दिनभर ऊर्जा बनाए रखने में मदद मिल सकती है. यह कैफीन के बजाय एक हेल्दी विकल्प हो सकता है.

कब छोड़ें चाय?

वह शाम 4 बजे के बाद चाय पीने से भी मना करती हैं, क्योंकि इससे नींद का पैटर्न बिगड़ सकता है. इसके अलावा, भोजन की जगह चाय पीना भी सही नहीं है, क्योंकि इससे जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते. जो लोग चाय पर बहुत निर्भर हैं, उनके लिए यह सलाह खासतौर पर जरूरी है. चाय एक अम्लीय पेय है, जिसमें कैफीन और पॉलीफिनॉल जैसे बायोएक्टिव तत्व होते मौजूद होते हैं, जो पाचन तंत्र पर असर डाल सकते हैं. इसलिए समय और मात्रा दोनों पर ध्यान देना जरूरी है.

चाय के साथ क्या खाएं?

चाय के साथ नानखटाई, रस्क, नमकीन, पकोड़े या कचौरी खाना स्वादिष्ट तो लगता है, लेकिन सेहत के लिए अच्छा नहीं. ये चीजें खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती हैं और पोषण में कमी होती है. इसके बजाय भुने हुए मखाने, मिक्स सीड्स या काले चने जैसे हेल्दी स्नैक्स का चुनाव करें. इस तरह, चाय के उत्तेजक असर को समझकर और कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके हम एक हेल्दी रूटीन बना सकते हैं. बस सही समय, थोड़ी संयम और फिर आप चाय पर चर्चा का आनंद बिना किसी गिल्ट के ले सकते हैं.

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