Sheetala Saptami 2023: शीतला सप्तमी कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व

Sheetala Saptami 2023: हिंदू भक्त अपने परिवार के सदस्यों, विशेषकर बच्चों को चिकन पॉक्स और चेचक जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए देवी शीतला की पूजा करते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2023 11:08 AM

Sheetala Saptami 2023: शीतला सप्तमी देवी शीतला या शीतला माता को समर्पित महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है. यह त्योहार चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. शीतला सप्तमी के दिन हिंदू भक्त अपने परिवार के सदस्यों, विशेषकर बच्चों को चिकन पॉक्स और चेचक जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए देवी शीतला की पूजा करते हैं. यह त्योहार पूरे भारत में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. भारत के दक्षिणी राज्यों में देवी शीतला को ‘देवी पोलेरम्मा’ या ‘देवी मरियम्मन’ के रूप में पूजा जाता है. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में, शीतला सप्तमी के समान एक त्योहार मनाया जाता है, जिसे ‘पोलाला अमावस्या’ के रूप में जाना जाता है. जानें इस बार शीतला सप्तमी 2023 कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त और नियम आगे पढ़ें.

शीतला सप्तमी तारीख, शुभ मुहूर्त

शीतला सप्तमी मंगलवार, मार्च 14, 2023 को

शीतला सप्तमी पूजा मुहूर्त – 06:33 सुबह से 06:29 शाम तक

अवधि – 11 घंटे 56 मिनट

शीतला अष्टमी बुधवार, मार्च 15, 2023 को

सप्तमी तिथि प्रारंभ – 13 मार्च 2023 को रात्रि 09:27 बजे

सप्तमी तिथि समाप्त – 14 मार्च 2023 को रात्रि 08:22 बजे

शीतला सप्तमी के दौरान अनुष्ठान:

  • शीतला सप्तमी के दिन देवी शीतला देवी की पूजा की जाती है. लोग सुबह जल्दी उठकर ठंडे पानी से नहाते हैं.

  • उसके बाद प्रार्थना करने के लिए शीतला माता के मंदिरों में जाते हैं. शांतिपूर्ण और सुखी जीवन के लिए इस दिन विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं.

  • कुछ जगहों पर लोग इस दिन भोजन नहीं बनाते हैं और पिछले दिन बनाए गए भोजन का सेवन करते हैं. इस दिन गर्म भोजन करना सख्त वर्जित होता है.

  • कुछ भक्त देवी शीतला को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत भी रखते हैं. इस व्रत को ज्यादातर महिलाएं अपनी संतान की सलामती के लिए रखती हैं.

Also Read: Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी, बसोड़ा कब है? सही तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
शीतला सप्तमी का महत्व

स्कंद पुराण में शीतला सप्तमी का महत्व बताया गया है. शीतला सप्तमी देवी शीतला को समर्पित है. हिंदू पौराणिक कथाओं में शीतला माता चेचक की देवी हैं. उन्हें देवी पार्वती और देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है, हिंदू धर्म में शक्ति के दो रूपों की पूजा की जाती है. देवी शीतला लोगों को चेचक या चेचक से पीड़ित करने के लिए जानी जाती हैं और प्रकृति की उपचार शक्ति का भी प्रतिनिधित्व करती हैं. हिंदू भक्त इस दिन अपने बच्चों को ऐसी बीमारियों से सुरक्षा देने के लिए शीतला माता की पूजा करते हैं. ‘शीतल’ शब्द का अर्थ है ‘ठंडा’ और ऐसा माना जाता है कि देवी शीतला संक्रामक रोगों से पीड़ित भक्तों को शीतलता प्रदान करती हैं.

Next Article

Exit mobile version