पार्टनर का बार बार हो जाता है मूड स्विंग तो इन 4 संकेतों को समझें, कभी नहीं होगा झगड़ा

Relationship Tips: रिलेशनशिप में पार्टनर के मूड स्विंग को समझना जरूरी है. चाहे वह चुप्पी हो या कभी तेज बोलना. इन सारे संकेतों को पहचानकर आप कैसे उस परिस्थिति से डील कर सकते हैं? यह लेख उसी पर आधारित है ताकि रिश्ता को मजबूत बनाया जा सके.

By Sameer Oraon | December 3, 2025 6:24 PM

Relationship Tips: रिलेशनशिप में अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि पार्टनर का मूड कब बदल जाए, समझ ही नहीं आता. कभी अचानक शांत हो जाना तो कभी गुस्सा और कभी किसी बात लेकर स्ट्रेस हो जाना. ये वो चीजें हैं जो अक्सर इंसान नहीं समझ पाता है. परिणाम ये होता है पार्टनर उनकी उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाता है और धीरे धीरे रिश्ता खराब होने लगता है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि वह पार्टनर के उन संकेतों को नहीं पढ़ पाते हैं. कभी कभी ये संकेत रिश्तों में गलतफहमी कम करने में भी मदद कर सकती है.

मूड स्विंग अपनी फीलिंग्स जाहिर करने का तरीका भी है

कई बार लोग मान लेते हैं कि पार्टनर का खराब मूड उनकी गलती है. जबकि ऐसा हमेशा नहीं होता. मूड स्विंग कई वजहों से होती है. जैसे- थकान, काम का दबाव, नींद की कमी, आर्थिक तनाव, हार्मोनल बदलाव, के साथ साथ यह कई रिश्ते से बाहर की परेशानी भी होती है.

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पार्टनर के इन संकेतों को ध्यान से पढ़ें

  • अगर पार्टनर बहुत ज्यादा चुप हो तो यह समझ जाना चाहिए कि वह या तो थका हुआ है या फिर स्ट्रेस में है जो वह बोल नहीं पा रहा है.
  • कई बार इंसान किन्हीं वजहों से तेज बोलने लगता है. इसका मतलब ये है कि वह या किसी बात को लेकर चिंतित है या फिर किसी चीज की जल्दबाजी कर रहा है.
  • कई बार इंसान किसी चीज को अपने पार्टनर से छुपकर करता है तो वह उनसे आई कॉन्टैक्ट नहीं कर पाता है, इसका मतलब है कि अपने कृत्य पर शर्मिंदा है और उन्हें आपसे डर लग रहा है.
  • कई बार इंसान छोटी छोटी चीजों में रिएक्ट करता है. इससे इंसान को समझ जाना चाहिए कि वह ओवरथिंकिंग कर रहा है या फिर उस विशेष काम को लेकर स्ट्रेस में है.

क्या करें ऐसे समय में

कई लोग इन संकेतों को देखते हैं तो वे तुरंत सलाह देने लगते हैं. यह कई बार सामने वाले को इरिटेट कर सकता है. अगर इन संकेत दिखे तो उनसे तुरंत क्या हुआ पूछने की बजाय इत्मीनान से उनके पास बैठे और बोले “मैं यहां तुम्हें सुनने के लिए बैठा हूं, अगर तुम चाहो तो तुम शेयर कर सकते हो. शायद मैं कुछ मदद कर पाऊं. अगर जवाब ना दें तो जवाब देने के लिए दबाव न डालें. कई बार लोग पार्टनर की खामोशी से परेशान रहते हैं. ऐसे वक्त में वे बार बार उससे यही कहते हैं कि तुम बदल गए हो या फिर तुम अब पहले की तरह बात ही नहीं करते हो. लेकिन ये बातें रिश्ते को बिगाड़ देते हैं. इसके बजाय कहना चाहिए कि “मैं तुम्हारे साथ हूं, जब मन हो तब बात करना.” यह रिश्ते में सामने वाले को स्पेस देता है.

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