Independence Day 2024: अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण के महत्व पर महात्मा गांधी ने क्या संदेश दिया? जानें

Independence Day 2024: 19 अक्टूबर 1947 को प्रार्थना सभा के दौरान महात्मा गांधी ने अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण के महत्व के बारे में बताया था. चलिए जानते हैं उन्होंने इस बारे में क्या कहा था.

By Saurabh Poddar | August 14, 2024 1:21 PM
Independence Day 2024: अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण के महत्व पर महात्मा गांधी ने क्या संदेश दिया? जानें

Happy Independence Day 2024: कर्म का महत्व ईश्वर के सामान है. जब हम अपने कामों को ठीक से करते हैं लगन से करते हैं वही ईश्वर दर्शन हैं. 19 अक्टूबर 1947 को प्रार्थना सभा के बाद महात्मा गांधी का यह सम्बोधन कर्म ही पूजा है के इसी दर्शन के तरफ संकेत है. प्रार्थना सभा के बाद महात्मा गांधी ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि, कोई शरीर तो है नहीं कि शरीर लेकर हमारे सामने खड़ा रहता है. वह तो चतुर्भुज मूर्ति है शंख, गदा, चक्र, पद्म, उसुप है ये सभी हमारी कल्पना है. ईश्वर के पास न शंख है न गदा है और न चक्र. महात्मा गांधी ने अपने संबोधन में ईशर की व्याख्या कई तरीके से की. आज हम आपको भारत की आजादी के इस अवसर पर महात्मा गांधी के इसी सम्बोधन के कुछ वाक्य सुनाने जा रहे है. आप सभी इस वीडियो को ध्यान से देखें और सुनें. इसे सुनने के बाद आपको कई तरह की नयी चीजें जानने का मौका जरूर मिलेगा.

Mahatma Gandhi deliver his message on importance of devotion to ones duties

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