National Technology Day 2022: आज है राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, जानिए इसका इतिहास एवं महत्व

National Technology Day 2022: हर साल 11 मई को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को मनाने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है. 11 मई 1998 को भारत ने परमाणु परीक्षण किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2022 11:00 AM

National Technology Day 2022: भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हर साल 11 मई को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को मनाने के लिए मनाया जाता है. आज 11 मई को, देश राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मना रहा है जो कि उपमहाद्वीप की तकनीकी प्रगति की याद दिलाता है.


राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास

11 मई 1998 को भारत ने परमाणु परीक्षण किया था. पोखरण, राजस्थान में कुल 5 परीक्षण हुए थे, जिसमें से तीन 11 मई को किए गए एवं दो 13 मई को किए गए.11 मई को आयोजित परीक्षण में 5.3 रिक्टर पैमाने पर भूकंपीय कंपन दर्ज करते हुए तीन परमाणु बम विस्फोट किए गए, तभी से भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की शुरुआत हुई. इसके बाद अगले साल इसी दिन यानी 11 मई, 1999 को भारत में पहला नेशनल टेक्नॉलजी डे मनाया गया. तब से इसे हर साल इसी दिन सेलिब्रेट किया जाता है.

त्रिशूल मिसाइल भारतीय सेना में हुई शामिल

11 मई, 1998 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने त्रिशूल मिसाइल का आखिरी टेस्ट-फायर को पूरा करके उसे भारतीय वायु सेना ने अपनी सेवा में शामिल किया. सतह से हवा में वार करने वाली, शीघ्र प्रतिक्रिया देने वाली, लघु-सीमा की मिसाइल त्रिशूल भारत के समन्वित गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम की एक इकाई थी जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी, आकाश और अग्नि मिसाइल प्रणाली का भी गठन हुआ है.

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का महत्व

आज प्रौद्योगिकी यानि टेक्नोलॉजी की हर क्षेत्र में आवश्यकता है इसका महत्व केवल विज्ञान में ही नहीं बल्कि एक देश को आगे बढ़ाने के हर पहलु पर है. आज प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी तरह से प्रौद्योगिकी से जुड़ा है. भारत को डिजिटल करने में प्रौद्योगिकी का बढ़ा हाथ है. जिस तरह से प्रत्येक विकसित औऱ विकासशील देश अपने-अपने परमाणु परीक्षण कर अपनी शक्तियों से दुनिया को रुबरु करा रहे हैं. उसी प्रकार भारत भी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाकर अपने वैज्ञानिकों एवं उनके कार्यों को सम्मान प्रदान करता है.

इस दिन 1998 में पोखरण में न सिर्फ सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण किया गया, बल्कि इस दिन से शुरू हुई कड़ी 13 मई तक भारत के पांच परमाणु धमाकों में तब्दील हो चुकी थी. भारत ने न सिर्फ परमाणु विस्फोट से अपनी कुशल प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया, बल्कि अपने प्रौद्योगिकी कौशल के चलते किसी को कानोंकान परमाणु परीक्षण की भनक भी नहीं लगने दी. इस दिवस को मनाने का यह भी उद्देश्य है कि लोग ज्यादा से ज्यादा प्रौद्योगिकी के बारे में जान सकें, उसके प्रति जागरुक हो सकें. आज प्रौद्योगिकी के कारण ही समस्त विश्व एक-दूसरे से जुड़ पाया है. शिक्षा, व्यापार, संचार इत्यादि को आज सरल और संभव प्रौद्योगिकी ने ही बनाया है. भारत अपने इसी विकास को आगे बढ़ाने के लिए और प्रौद्योगिकी के महत्व को दर्शाने के लिए प्रतिवर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाता है.

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