International Women’s Day 2021, Essay, Speech, Bhashan: विश्व महिला दिवस पर यहां से देखें एक से बढ़कर भाषण, स्पीच, लेख, जानें इस दिन का महत्व

International Women's Day, Essay, Speech, Bhashan, Lekh, Mahila Diwas, Importance, Significance, 08 March 2021: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 8 मार्च यानी सोमवार को. विश्व महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने के पीछे एक मात्र उद्देश्य है महिलाओं के प्रति समाज में सम्मान की भावना उत्पन्न करना तथा उन्हें पुरुषों के समान अधिकार दिलवाना. इस दिवस को दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है. विभिन्न संस्थानों दफ्तर कॉलेज स्कूल आदि जगहों पर इस दिन क्विज कंपटीशन, भाषण, लेखन, स्पीच प्रतियोगिताएं व सेमीनार समेत अन्य रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. ऐसे में आइए महिला दिवस (Mahila Diwas) के अवसर पर आप भी यहां से तैयार करें भाषण, स्पीच के एक से बढ़कर एक फॉर्मेट...

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2021 11:13 AM

मुख्य बातें

International Women’s Day, Essay, Speech, Bhashan, Lekh, Mahila Diwas, Importance, Significance, 08 March 2021: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 8 मार्च यानी सोमवार को. विश्व महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने के पीछे एक मात्र उद्देश्य है महिलाओं के प्रति समाज में सम्मान की भावना उत्पन्न करना तथा उन्हें पुरुषों के समान अधिकार दिलवाना. इस दिवस को दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है. विभिन्न संस्थानों दफ्तर कॉलेज स्कूल आदि जगहों पर इस दिन क्विज कंपटीशन, भाषण, लेखन, स्पीच प्रतियोगिताएं व सेमीनार समेत अन्य रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. ऐसे में आइए महिला दिवस (Mahila Diwas) के अवसर पर आप भी यहां से तैयार करें भाषण, स्पीच के एक से बढ़कर एक फॉर्मेट…

लाइव अपडेट

नारियों का कद बढ़ा रहीं अणुशक्ति सिंह

ब्रॉडकास्ट मीडिया और कम्युनिकेशन से संबंध रखनेवाली अणुशक्ति सिंह कछ सालों तक बीबीसी मीडिया एवं सुलभ इंटरनेशनल में काम करने के पश्चात् इन दिनों नीदरलैंड में स्थित आरएनडब्ल्यू मीडिया के भारतीय उपक्रम 'लव मैटर्स इंडिया' में कार्यरत हैं. विगत दिनों में इनकी रचनाएं आलेख, कविता और समीक्षा के रूप में 'दैनिक जागरण', 'आजकल', 'अहा जिंदगी', 'समालोचन', 'जानकीपुल' सहित अन्य पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं. अणु ने तीन युवा लेखकों की किताबों का संपादन भी किया है. अंग्रेजी में नवोदित लेखक रॉबिन शर्मा की पुस्तक 'इन सर्च ऑफ लव' एवं हिंदी में राजपाल से प्रकाशित 'मैं से मां तक' और प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित 'चिड़िया उड़' शामिल हैं.

International Women's Day : बदलना होगा नजरिया

आज पूरी दुनिया महिला दिवस मना रही है. लेकिन ये सेलिब्रेशन कुथछ फीका है. क्योंकि, आज भी महिलाएं असुरक्षित हैं, उनका शोषण किया जा रहा है. उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है. यहां तक की अनेक अपराध दर्ज भी नहीं हो पाते. ज्यादातर महिलाओं को अपने अधिकार का भी के बारे भी नहीं पता. ऐसे में अब महिलाओं के प्रति समाज को अपना नजरिया बदलना होगा. लैंगिक भेदभाव को छोड़कर आधी आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करना होगा.

International Women's Day Essay: सुरक्षित भविष्य के लिए महिलाओं का फाइनेंसियल प्लानिंग जरूरी

आज महिला दिवस है ऐसे में जो महिलाएं कार्य के साथ-साथ घर भी संभाल रही है. उन्हें अपने भविष्य के लिए फाइनेंसियल प्लानिंग अवश्य करना चाहिए. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कम समय तक काम कर पाती है. साथ ही साथ उनके मुकाबले इनकी सैलरी भी काफी कम होती है. ऐसे में बचत और निवेश ही उनके भविष्य को संवार सकता है. सम्मान के साथ-साथ सुरक्षित जीवन जीने के लिए महिलाओं को निवेश पर जरूर ध्यान देना चाहिए. इसे लेकर ठोस प्लानिंग करनी चाहिए. इनमें खर्चों को कंट्रोल करना घर खरीदना, बच्चों की उच्च शिक्षा की योजना बनाना, इंसुरेंस संबंधित प्लानिंग व अन्य तरह के निवेश आपको भविष्य में आत्मनिर्भर बना सकते हैं.

International Women's Day Essay: आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं..

आज यानी 8 मार्च को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मना रही है. लेकिन कई ऐसे देश या भारत में कई ऐसे गांव व कस्बे है जहां आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. जहां आज भी महिलाओं का शोषण किया जाता है. वे घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं. उनके साथ भेदभाव किया जाता है या उनके अधिकारों का हनन किया जाता है. हालांकि, हाल के सालों में महिलाओं ने यह दिखा दिया है कि वह किसी भी मामलों में पुरुषों से कम नहीं है. आपको बता दें कि उन्हें समान वेतन का अधिकार, घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार, मातृत्व संबंधी, रात में गिरफ्तार ना होने, काम के दौरान उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत

Mahila Diwas 2021: महिलाओं ने खुद अपनी तक्दीर लिखी है..

8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जा रहा है. हम और आप भी इस महिला दिवस में उन महिलाओं को याद कर रहे जो इस पुरूष प्रधान समाज में भी अपनी अलग जगह बनाने में कामयाब रही है. यूं तो महिलाओं में सहनशीलता सबसे अधिक होती है लेकिन महिलाएं केवल सहन ही नहीं करती बल्कि उस परिस्थिति को सोना बना देती है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारे आपके और हम सबके घरों में ही है. मां, जिसे खुद की फिक्र कम और सबकी फिक्र ज्यादा होती है. कई महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय है होती है. लेकिन, लाख समस्याओं के बावजूद कुछ महिलाओं ने खुद अपनी तक्दीर लिखी है.

International Women's Day Essay In Hindi: महिलाओं को पता होने चाहिए उनके अधिकार

आज यानी 08 मार्च 2021 को दुनिया महिला दिवस मना रही है. लेकिन, आज भी महिलाएं असुरक्षित हैं, उनका शोषण जारी है. उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है. यहां तक की अनेक अपराध दर्ज भी नहीं हो पाते. ज्यादातर महिलाओं को अपने अधिकार का भी के बारे भी नहीं पता. भारतीय संविधान ने महिलाओं को कई अधिकार दिए है. इनमें सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ वूमेन एक्ट, मेटरनिटी बेनिफिट एक्ट, प्रोटेक्शन ऑफ वुमन डॉमेस्टिक वायलेंस एक्ट, प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट समेत अन्य सभी अधिकारों का उपयोग कर महिलाएं अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती है. इस बार विशेष टीम इस फोर इक्वल कीवी टीम के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया है. ऐसे में समाज को भी महिलाओं के प्रति अपनी नजरिया बदल ली होगी. लैंगिक भेदभाव को छोड़कर आधी आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करना होगा. उन्हें समान अवसर देने होंगे तभी हमारा पीढ़ी शिक्षित होगा, आगे बढ़ेगा.

International Women's Day Speech: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उन महिलाओं के लिए समर्पित है जो समाज में फैली कुरीतियों या विरोध के बावजूद अपनी अलग पहचान बना रही हैं. दुनिया भर में कई ऐसे देश है जहां महिलाओं को आज भी समान अधिकार नहीं मिला हुआ है. वहीं भारत में भी कई ऐसे कस्बे या गांव है जहां महिलाओं को द्वेष भावना, कुरितियों आदि का शिकार होना पड़ता है. लेकिन हाल के सालों में यह भी देखा गया है कि किस तरह महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर देश के तरक्की में अपनी भागीदारी दे रही हैं. ऐसे में कम से कम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ऐसा दिन है जिस दिन हम ऐसी सभी महिलाओं की सराहना कर सकते हैं उन्हें सम्मानित करके स्पेशल महसूस करवा सकते हैं. साथ ही साथ समाज को भी उनके प्रति जागरूक कर सकते हैं.

Posted By: Sumit Kumar Verma

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