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Gita Updesh: फैसला लेते वक्त गीता के इन उपदेशों को रखें याद, जीवन के हर कष्ट हो जाएंगे दूर

Gita Updesh: गीता उपदेश जीवन के प्रत्येक पहलू पर गहरे विचार प्रदान करने के साथ आत्मज्ञान, धर्म, भक्ति, कर्म और योग के बारे में गहरी समझ प्रदान करते हैं.

By Shashank Baranwal | February 16, 2025 10:20 PM
Gita Updesh: फैसला लेते वक्त गीता के इन उपदेशों को रखें याद, जीवन के हर कष्ट हो जाएंगे दूर

Gita Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है. इसे भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन को तब सुनाया था, जब अर्जुन का मन युद्ध से डगमगाने लगा था. इसे सुनकर ही अर्जुन युद्ध करने के लिए तैयार हुए थे. ये उपदेश जीवन के प्रत्येक पहलू पर गहरे विचार प्रदान करने के साथ आत्मज्ञान, धर्म, भक्ति, कर्म और योग के बारे में गहरी समझ प्रदान करते हैं. भगवद गीता न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह मानव जीवन के प्रत्येक पहलू से जुड़ा हुआ एक मार्गदर्शक भी है. गीता सार को जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुसरण करता है, वह एक न एक दिन जरूर सफल हो जाता है. ऐसे में जब आप कोई निर्णय लेने जा रहे हैं, तो गीता में लिखी इन बातों पर जरूर गौर करें.

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जरूर करें आत्ममंथन

श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार, व्यक्ति को आत्ममंथन करना जरूर होता है. ऐसा करने से व्यक्ति की गलतियों की संभावना कम हो जाती है. आत्ममंथन करने से निर्णय में दृढ़ता आ जाती है. ऐसे में व्यक्ति को हमेशा सोच-समझकर ही फैसला लेना चाहिए.

मन पर रखें संयम

भगवद्गीता के अनुसार, निर्णय लेते समय अपने मन और चित्त पर जरूर संयम रखना चाहिए, क्योंकि मन बहुत चंचल होता है. यह बदलता रहता है, जिसकी वजह से आप गलत निर्णय भी ले सकते हैं. जो व्यक्ति अपने पर काबू पा लेता है, वह एक दिन जरूर सफलता हासिल करता है.

गुस्से में कभी न ले निर्णय

श्रीकृष्ण कहते हैं कि क्रोधी व्यक्ति को निर्णय लेते समय ध्यान देने की जरूरत होती है. ऐसा करना इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि गुस्से में व्यक्ति अपना नियंत्रण खो देता है. जिसकी वजह से इंसान कई बार गलत निर्णय भी ले लेता है. ऐसे में भविष्य में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए गीता उपदेश के इन बातों का खास ख्याल रखें.

कर्म के अनुसार मिलेगा फल

श्रीमद्भगवद्गीता में लिखा है कि व्यक्ति को कर्म के अनुसार ही फल की प्राप्ति होती है. जो व्यक्ति जैसा कर्म करेगा उसी तरह उसे फल मिलेगा. ऐसे में व्यक्ति को सद्मार्ग पर ही चलना चाहिए. सद्कर्म करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है. फैसला लेते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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