डॉ मुख्तार अहमद अंसारी की जयंती आज, सार्वजनिक जीवन और चिकित्सा दोनों क्षेत्रों में था बड़ा सम्मान

Dr. Mukhtar Ahmed Ansari Jayanti 2022: आज 25 दिसंबर को डॉ मुख्तार अहमद अंसारी की जयंती मनाई जा रही है. गाजीपुर जिले के मुहम्दाबाद तहसील में उनका जन्म हुआ था. आजादी की लड़ाई में इस परिवार का गहरा नाता रहा है. आइए जानें उनके के जीवन से जुड़ी रोचक बातें.

By Shaurya Punj | December 25, 2022 6:30 AM

Dr. Mukhtar Ahmed Ansari Jayanti 2022: डॉ मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. वह गांधी जी के बेहद करीबी माने जाते थे. दिल्ली में उनके नाम पर एक सड़क भी है. आजादी की लड़ाई में इस परिवार का गहरा नाता रहा है. मुख्तार के पिता खुद एक बड़े कम्युनिस्ट नेता थे. आज 25 दिसंबर को उनकी जयंती मनाई जा रही है. गाजीपुर जिले के मुहम्दाबाद तहसील में उनका जन्म हुआ था.

मद्रास के कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष थे मुख्तार अहमद अंसारी

1927 में मद्रास के कांग्रेस अधिवेशन के डॉ मुख्तार अहमद अंसारी ही अध्यक्ष रहे. गांधी जी द्वारा संचालित 1930 और 1932 के आन्दोलनों में भाग लेने के कारण उन्होंने कई बार जेल यात्राएँ कीं. अंसारी अपने समय में दिल्ली के प्रतिष्ठित चिकित्सक थे. एडिनबरा (ब्रिटेन) से डॉक्टर अंसारी ने डॉक्टर की पदवी प्राप्त की और दिल्ली में रहकर डॉक्टरी की.

सार्वजनिक जीवन और चिकित्सा दोनों क्षेत्रों में था डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी का बड़ा सम्मान

डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी ने मद्रास (वर्तमान चेन्नई) तथा इंग्लैंड में चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण की. अंसारी ने ‘एडिनबरा विश्वविद्यालय’ में अपनी शिक्षा पूरी की और कई वर्ष तक लंदन के विभिन्न अस्पतालों में काम किया. भारत लौटने पर उन्होंने दिल्ली में 1910 में डॉक्टरी शुरू की. वह राष्ट्रवादी आंदोलन की ओर आकर्षित हुए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. डॉक्टर अंसारी अच्छी शिक्षा संस्थाओं की आवश्यकता के प्रति अत्यधिक सजग थे.

डॉ मुख्तार अहमद अंसारी और पंडित मदन मोहन मालवीय का है ये संबंध

आज ही महान भारतीय शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी, पंडित मदन मोहन मालवीय की भी जयंती है. डॉ मुख्तार अहमद अंसारी और पंडित मदन मोहन मालवीय दोनो ही कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और दोनो ने ही भारत को एक यूनिवर्सिटी दी; जिसे हम बनारस हिन्दु युनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के नाम से जानते हैं. जहां पंडित मदन मोहन मालवीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे वहीं डॉक्टर मुख़्तार अहमद अंसारी को भी मुस्लिम लीग के अध्यक्ष बने.

डॉ मुख्तार अहमद अंसारी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी

29 अक्टूबर 1920 को अलीगढ में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्थापना हुई, डॉ मुख़्तार अहमद अंसारी जामिया मिलिया इस्लामिया की फाउंडेशन समिति के सदस्य और संस्थापकों में से एक थे, वे आजीवन उसके संरक्षक थे, डॉक्टर अंसारी ने इसकी स्थापना को बिना शर्त समर्थन दिया. 1925 में जामिया को अलीगढ़ से दिल्ली लाया गया तो वो पूरी तरह जामिया पर ध्यान देने लगे. उन्हीं का फैसला था कि ओखला में जामिया को बसाया जाये, उन्होंने वर्तमान जामिया की परिकल्पना की. भविष्य का नक्शा बनाया.

डॉ मुख्तार अहमद अंसारी का निधन

स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण निधन से एक वर्ष पूर्व उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्न्यास ले लिया था. 10 मई 1936 ई. में उनका देहान्त हो गया. दिल्ली की अंसारी रोड उन्हीं की यादगार है. उनकी क़ब्र जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में है. उनके निधन पर महात्मा गांधी ने कहा- ‘ शायद ही किसी मृत्यु ने इतना विचलित और उदास किया हो जितना इसने.’

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