Chanakya Niti: अपने पैरों में कुल्हाड़ी मारने से बचें और याद रखें चाणक्य की ये 5 बातें

चाणक्य की सीखें बताती हैं कैसे उतावलापन में लिए गए कदम हमारे लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. इन सरल नियमों को अपनाकर जीवन में सफलता पाएं.

By Pratishtha Pawar | October 14, 2025 12:50 PM

Chanakya Niti: हम सभी जीवन में हर रोज तरह-तरह की परेशानियों का सामना करते हैं. कभी मन को संभालने की कोशिश करते हैं तो कभी क्रोध हावी हो जाता है. कई बार उतावलापन में हम अपना ही नुकसान कर बैठते हैं. परिस्थितियों को समझने के लिए हमारे पास हमेशा पर्याप्त समय नहीं होता और कई बार हमें तुरंत निर्णय लेने पड़ते हैं. ऐसे में जरूरी होता है कि हम चाणक्य की इन बातों को याद रखकर अपने नुकसान से बचें और जीवन में सफलता की राह आसान बनाएं.

Chanakya Niti: जीवन में सफलता के लिए चाणक्य की जरूरी सीखें

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1.अपने उतावलापन से पैरों में कुल्हाड़ी मारने से बचें

चाणक्य कहते हैं कि जल्दबाजी में लिए गए निर्णय अक्सर हानि का कारण बनते हैं. उतावलापन में किए गए कदम हमारे पैरों में कुल्हाड़ी मारने के समान होते हैं. इसलिए सोच-समझकर ही किसी भी कार्य की शुरुआत करें.

2. शत्रु की शक्ति का सही अनुमान लगाएं

शत्रु किसी भी रूप में हो सकता है. इसलिए शत्रु पर वार करने से पहले उसकी शक्ति और स्थिति का सही आंकलन करें. यदि शत्रु आपसे अधिक शक्तिशाली होगा तो आपका संपूर्ण नाश संभव है.

3. बेहतर होगा अगर आप अपनी योजना को गुप्त रखें

यदि आप अपने लक्ष्य की प्राप्ति करना चाहते हैं, तो योजना को गोपनीय रखना अत्यंत आवश्यक है. जितनी गुप्त योजना होगी, उतनी ही सफलता सुनिश्चित होगी.

4. अतिथि भाव से सम्मान प्राप्त होता है या फिर कुछ और

कहीं जाने पर अतिथि बनकर आना अच्छा माना जाता है. इससे मान-सम्मान और आदर-सत्कार प्राप्त होता है. पर कुछ ही समय बाद हम दूसरों के घर की अपने घर से अपने आप से तुलना करने लगते है इस पर चाणक्य कहते है कि दूसरों का घर कितना ही सुंदर क्यों ना हो पर सुकून की नींद तो अपने बिस्तर पर ही आती है.

5. सही समय और वातावरण रखता है बाजी पलटने की ताकत

अगर आपके पास श्रेष्ठ योजना है, परंतु उसे लागू करने का उचित समय या वातावरण नहीं है, तो योजना चाहे कितनी ही प्रबल क्यों न हो, उसका परिणाम अधूरा ही रहेगा. और ये समझ आपको अपने अंदर विकसित करनी होगी.

6. मित्र और शत्रु में भेद करना सीखें

आचार्य चाणक्य कहते है कि जो व्यक्ति मित्र और शत्रु में भेद करना भूल जाता है, वह अपने पतन की ओर पहला कदम बढ़ा चुका होता है. जीवन में बुद्धिमानी से निर्णय लेना अत्यंत आवश्यक है.

चाणक्य की ये बातें हमें जीवन में सोच-समझकर कदम उठाने और जल्दबाजी से बचने की सीख देती हैं. यदि हम इन सिद्धांतों को अपनाएं, तो जीवन में सफलता और संतुलन दोनों प्राप्त किए जा सकते हैं.

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