करियर या बिजनेस शुरू करने से पहले पढ़ें चाणक्य की ये 5 बातें, नहीं तो लोग पीठ में घोंप देंगे छुरा

Chanakya Niti: करियर या बिजनेस शुरू करने से पहले पढ़ें चाणक्य की ये 5 बातें. जानें कैसे सहयोगियों और मित्रों में सतर्क रहकर धोखे और विश्वासघात से बचा जा सकता है.

By Sameer Oraon | August 29, 2025 6:11 PM

Chanakya Niti: जब कोई इंसान करियर की शुरूआत या बिजनेस करने की दिशा आगे बढ़ता है तो वह सबसे अधिक धोखा खाने से डरता है. क्योंकि आज का समय ऐसा है कि वह किसी पर भरोसा नहीं कर सकता है. लोग हमदर्द बनकर कब पीठ पर छुरा घोंप दें कोई नहीं जानता है. इस कारण प्राचीन चाणक्य नीति (Chanakya Niti) से कुछ बातों को सीखना बेहद जरूरी हो जाता है. चाणक्य ने अपने समय में राजनीति और जीवन के अनुभवों के आधार पर यह सिद्ध किया कि व्यक्ति सजग और सतर्क रहकर ही अपने हितों की रक्षा कर सकता है. चाणक्य नीति के अनुसार, किसी भी व्यापार या करियर में सफलता पाने के लिए व्यक्ति को हमेशा सतर्क और समझदार रहना चाहिए. यह केवल पेशेवर जीवन में ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी लागू होती है. धोखे और विश्वासघात से बचने के लिए कुछ सरल, लेकिन असरदार उपाय अपनाए जा सकते हैं.

सहयोगियों और पार्टनर्स को समझें

चाणक्य का मानना था कि किसी भी व्यक्ति को पूरी तरह बिना समझे भरोसा नहीं करना चाहिए. सहयोगियों और व्यापारिक साझेदारों के व्यवहार, उनके फैसलों और लाइफ के पिछले अनुभवों का विश्लेषण करें. इससे आप उनके इरादों को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे और धोखे से बच सकते हैं.

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अति भरोसा कभी भी सही नहीं

कोई भी इंसान को किसी पर भी तुरंत आंख मूंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए. छोटे-छोटे अनुभव और जिंदगी के मोड़ पर आने वाली परीक्षा के बाद ही किसी पर विश्वास करना चाहिए. यह बिजनेस और करियर दोनों में जरूरी है. अति भरोसा अक्सर नुकसान और धोखे का कारण बन सकता है.

निर्णय स्वतंत्र रूप से लें

दूसरों की बातों में बहकर निर्णय लेना अक्सर धोखे का कारण बनता है. हमेशा तथ्यों और अनुभवों के आधार पर अपने निर्णय खुद लें. किसी भी नए समझौते या परियोजना में भाग लेने से पहले खुद की स्थिति का मूल्यांकन करें.

आलोचना और विरोध को नजरअंदाज न करें

कई बार लोग डर या भय के कारण सच को नजरअंदाज कर देते हैं. चाणक्य के अनुसार जब आस पास के लोग आपकी किसी आदत का विरोध और आलोचना करते हैं तो उसे गौर कर सीखने की जरूरत है. अपने उस आदत को सुधार कर आप सतर्क रह सकते हैं और संभावित धोखे से बच सकते हैं. आलोचना को सकारात्मक दृष्टिकोण से लें और आवश्यक सुधार करें.

सतर्कता से मित्र का चुनाव करें

संबंध बनाना जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी सतर्क रहना है. मित्रों और सहयोगियों का चुनाव करते समय अपने विवेक का इस्तेमाल करें. हर व्यक्ति पर तुरंत भरोसा न करें और नए संबंधों को समय के साथ जरूर परखें. ऐसा करने से आप धोखा खाने से बच जाएंगे.

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